यज्ञ आयोजन का 12 वां वर्ष में

पूर्णाहुति 11फरवरी को होगी


भाटापारा। धर्म नगरी भाटापारा में श्रीपंचमुखी हनुमान यज्ञ आयोजन समिति द्वारा विश्व कल्याणार्थ हेतु गत 12 वर्षों से बसंत पंचमी के अवसर पर यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है यज्ञ आयोजन के प्रथम तीन वर्षों तक कोटि हनुमत यज्ञ, फिर तीन वर्षों तक लक्ष्मीनारायण यज्ञ फिर तीन वर्षों तक लक्ष होमात्मक रुद्र महायज्ञ का अनुष्ठान किया गया इस वर्ष 1 फरवरी से सहस्त्र चंडी महायज्ञ का अनुष्ठान चल रहा है जिसकी पूर्णाहुति 11फरवरी को प्रातः 10 बजे होगी यह सहस्त्र चंडी यज्ञ का तीसरा वर्ष है ।


पूर्व के दस वर्षों तक हवनात्मक यज्ञ के साथ कथात्मक यज्ञ का भी आयोजन होता था जिसमे प्रतिदिन दोपहर से सत्र में श्रीमद भागवत महापुराण, शिवमहापुराण व राम कथा व रात्रि में भजनों का भक्तिमय आयोजन होता था किंतु विगत 2 वर्षो से कोरोना संक्रमण को देखते हुए केवल यज्ञ आयोजन ही हो रहा है । बसंत पंचमी पर 151जोड़ों द्वारा संगीतमय सुंदरकांड के पाठ को भी स्थगित रखा गया है। अभी प्रथम सत्र में पूजन अभिषेक व द्वितीय सत्र में हवन का कार्य विद्वान आचार्यद्वय राजेंद्र प्रसाद शास्त्री व बद्रीप्रसाद तिवारी के नेतृत्व में 51वेदपाठी ब्राह्मणों द्वारा सम्पादित किया जा रहा है। यज्ञ आयोजन के प्रेरणा श्रोत कन्हैयाधर दीवान (गुरुजी) के मार्गदर्शन में 7 वर्षो से यज्ञस्थल पर ही ब्राह्मण बटुकों का यज्ञोपवित (जनेऊ) संस्कार भी निशुल्क रूप से कराया जा रहा है जो की 9 व 10 फरवरी को होगा। यज्ञ पूर्णाहुति 11 फरवरी को होगी ।
यज्ञ नारायण भगवान की परिक्रमा देने व दर्शन करने रायपुर, मुंगेली, बलौदा बाजार, बेमेतरा जिले से श्रद्धालुओं के आने का क्रम निरंतर जारी है। कोरोना संक्रमण से बचाव व शासन की गाइड लाईन का पालन करते हुए समस्त अनुष्ठान सम्पादित कराए जा रहे है । यह जानकारी यज्ञ आयोजन समिति के सदस्य हरगोपाल शर्मा ने दी है ।