घटस्थापना के साथ शारदीय नवरात्रि शुरू
कोविड नियमों का हो रहा परिपालन
भाटापारा। विधि- विधान के साथ पूजा- अर्चना के बाद घट स्थापना के साथ आस्था और विश्वास का पर्व शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो गई। 18 महीने बाद खुले देवी मंदिरों में कोविड नियमों के परिपालन के साथ दर्शन किया जाना चालू हो चुका है।
कोरोना काल में पहली बार देवी मंदिरों के पट, भक्तों के लिए खुल चुके हैं। 18 महीने से बंद मंदिरों में देवी दर्शन की छूट से इस बार नवरात्रि पर्व में कुछ अलग ही उत्साह देखा जा रहा है। प्रबंध समितियों की ओर से गंभीरता के साथ ध्यान दिया जा रहा है कि कोविड नियमों के पालन में कहीं त्रुटि ना रह जाए। लिहाजा दर्शन के लिए पहुंचने वाले भक्तों से पहले ही आग्रह किया जा चुका है कि मास्क, सैनिटाइजर का उपयोग अवश्य करें और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें।
मेला और डीजे नहीं
शारदीय नवरात्रि को लेकर जिला प्रशासन ने देवी दर्शन के लिए शर्तों पर अनुमति दी है। इसलिए मंदिर परिसर के बाहर, मेला और प्रदर्शनी नहीं लगाई गई है। ध्वनि प्रदूषण के लिए जिम्मेदार माने जाने वाले डीजे की आवाज सुनाई तो दे रही है लेकिन ध्वनि विस्तार के मानक का ध्यान रखा जा रहा है।
सतत निगरानी
कोविड-19 के परिपालन के लिए पुलिस की निगरानी, सतत जारी है। दुर्गा पंडालों के आसपास यह निगरानी कुछ ज्यादा ही है ताकि ज्यादा भीड़ जैसी स्थिति नहीं बनने पाए। देवी मंदिरों का संचालन करने वाली प्रबंधन समितियों को इस बारे मे कड़ी हिदायत जारी हुई है। लिहाजा समितियां विशेष रूप से सतर्क हैं।
कहां, कितने ज्योति कलश
श्री महामाया मंदिर, तरेंगा में इस बार 958 ज्योति कलश की स्थापना की गई है। जिले के सभी मंदिरों में प्रमुख स्थान रखने वाली श्री मावली माता मंदिर, सिंगारपुर में 3914 ज्योति कलश स्थापित किए गए हैं। श्री सिद्ध बाबा की श्री काली माता मंदिर में 253 ज्योति कलश की स्थापना हुई है तो श्री शीतला माता मंदिर माता देवालय में भक्तों ने 927 ज्योति कलश स्थापित करवाए हैं। छोटी शीतला माता मंदिर में 232 ज्योति कलश स्थापित किए गए हैं।