अच्छे दिन की उम्मीद में कारोबारी जगत
बिलासपुर। 6 अक्टूबर को पितृ मोक्ष के बाद त्यौहार और पर्व की शुरुआत हो रही है। यह पर्व 24 अक्टूबर तक चलेगा। कोरोना काल में आ रहे यह त्यौहार इस मायने में विशेष होंगे क्योंकि रियायतों का पिटारा खुल चुका है लेकिन कोविड नियमों का पालन प्रभावी रहेगा।
18 महीने बाद संक्रमण के मामले न केवल देश में कम हुए हैं बल्कि प्रदेश और जिलों में भी यह घटते क्रम पर हैं। लिहाजा सावधानी के साथ रियायत और नियमों को शिथिल किया जाने लगा है। तेजी से पटरी पर लौट रहे जीवन को, पर्व और त्यौहार, निश्चित ही रेखांकित करेंगे क्योंकि अगले महीने से पर्व की जैसी शुरुआत हो रही है, वह दीपावली तक बनी रहेगी। अलबत्ता बाजार जरूर कमजोर ग्राहकी का सामना कर रहा है लेकिन उम्मीद, अच्छे दिन की बनने लगी है।
पितृ मोक्ष के बाद धूम
श्राद्ध पक्ष का समापन 6 अक्टूबर को हो रहा है। इसके अगले दिन 7 अक्टूबर से नवरात्रि चालू हो जाएगी । शारदीय नवरात्रि का यह पर्व इसलिए यादगार रहेगा क्योंकि 18 महीने से बंद देवी मंदिरों के पट खुल रहें हैं। नवरात्रि के इस दौर में ही 9 अक्टूबर को विनायक चतुर्थी है। जिसमें गणपति पूजा का विधान है। 13 अक्टूबर को अष्टमी और 14 अक्टूबर को महानवमी आ रही है। हवन-पूजन के बाद 15 अक्टूबर को विजयादशमी मनाई जाएगी। 16 अक्टूबर को पापकुंशा एकादशी है। 17 अक्टूबर को प्रदोष व्रत रखा जाएगा। इस दिन भगवान शिव एवं माता पार्वती की पूजा-अर्चना की जाएगी। 19 अक्टूबर को ईद- उल-मिलादुन्नबी है। 20 अक्टूबर को महर्षि वाल्मीकि जयंती है। पर्व के इस माह में 24 अक्टूबर को करवा चौथ होगा।
अच्छे दिन की उम्मीद
धीरे-धीरे दी जा रही रियायतों के बाद 18 महीने से बेहतर कारोबार की आस में बैठे कारोबारी जगत को उम्मीद है कि रियायत के बाद बाजार गति पकड़ सकता है। यह इसलिए क्योंकि साल का सबसे बड़ा त्यौहार विजयादशमी और दीपावली के लिए खरीदी अक्टूबर माह में ही की जाती है।