मुंगेली। नगर पालिका मुंगेली के परमहंस वार्ड में सवा 13 लाख रुपए कीमत की 300 मीटर नाली चोरी हो गई है. इसकी शिकायत पर नगरीय प्रशासन मंत्री के निर्देश पर तत्कालीन मुख्य नगरपालिका अधिकारी, सब इंजीनियर, आरआई, लेखपाल को सस्पेंड कर दिया गया है। वहीं मंत्री के निर्देश पर वर्तमान मुख्य नगरपालिका अधिकारी ने 6 लोगों के खिलाफ थाने में अपराध दर्ज कराया गया है।

नगर पालिका परिषद मुंगेली के परमहंस वार्ड में 300 मीटर नाली का निर्माण कराएं बिना ही ठेकेदार को 13 लाख रुपए से अधिक का भुगतान कर दिया गया है.
नगर पालिका परिषद मुंगेली के परमहंस वार्ड में होरीलाल शर्मा के घर से गार्डन की बाउण्ड्रीवाल होते हुए स्टेडियम तक 300 मीटर नाली निर्माण होना है. मौके पर किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य नहीं कराया गया है. वही नगरपालिका के दस्तावेज में इस काम का पूरा होना बताकर बिल प्रस्तुत करने पर मेसर्स सोफिया कंस्ट्रक्शन एण्ड सप्लायर अकलतरा जिला जांजगीर-चांपा को नगरपालिका मुंगेली ने 13 लाख 21 हजार 818 रुपए का भुगतान कर दिया है। इसकी शिकायत नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया की गई. मामले की गंभीरता को देखकर मंत्री डहरिया ने नगर पालिका परिषद मुंगेली के मुख्य नगर पालिका अधिकारी विकास पाटले, उप अभियंता जोयस तिग्गा, लेखापाल आनंद निषाद, सहायक राजस्व निरीक्षक सियाराम साहू को नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। वहीं नगर पालिका अध्यक्ष संतूलाल सोनकर को कारण बताओं सूचना जारी कर मामले की जांच करने के निर्देश दिए हैं। निलंबित सभी अधिकारी और कर्मचारियों का निलंबन अवधि में मुख्यालय, कार्यालय संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास, क्षेत्रीय कार्यालय बिलासपुर नियत किया गया है।

थाने दर्ज हुआ अपराध

नाली चोरी के मामले में कलेक्टर अजीत वसन्त ने नगरपालिका अध्यक्ष सन्तु लाल सोनकर, तत्कालीन सीएमओ विकास पाटले, जोयस तिग्गा तत्कालीन उप अभियंता, तत्कालीन सहायक राजस्व निरीक्षक सियाराम साहू, लेखापाल आनंद निषाद और सोफिया कंट्रक्शन अकलतरा समेत 6 के खिलाफ सीएमओ मनीष वारे को एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए थे। मुख्य नगरपालिका अधिकारी वारे ने सिटी कोतवाली पहुंच कर 6 लोगो के खिलाफ अपराध दर्ज करा दिया। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ 420, 34 के तहत अपराध पंजीबद्ध जांच कर रही है।

क्या है मामला

मुंगेली नगरपालिका के परमहंस वार्ड में 17 लाख की लागत से नाली निर्माण किया जाना है. नाली निर्माण कराएं बिना ठेकेदार को 13 लाख का भुगतान कर दिया गया। इसकी शिकायत कलेक्टर से की गई थी जिस पर कलेक्टर ने अनुविभागीय अधिकारी की अध्यक्षता में टीम गठित कर जांच के किया गया. जांच के नाली नहीं मिला और 13 लाख 21 हजार 818 रुपए का भुगतान होना मिला. जांच में सभी के जवाब में विरोधाभास मिला इसके बाद सभी आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए।