खरीदी में रुचि नहीं, दो साल से कीमत स्थिर

                      सतीश अग्रवाल

बिलासपुर। ‘ आम के आम, गुठलियों के दाम’। यह कहावत अब संग्राहकों को नहीं लुभाती क्योंकि बीते दो बरस से आम गुठली 8 से 10 रुपए जैसी निम्न कीमत पर स्थिर है। बढ़ोतरी की संभावना इसलिए नहीं है क्योंकि खरीदी क्षेत्र खरीद को लेकर रुचि नहीं दिखा रहें हैं।

आम गुठली का कारोबार प्रदेश से चला-चली की बेला में है क्योंकि तैयार उत्पादन के लिए अच्छी कीमत देने वाले की खोज अब भी जारी है। यह स्थिति तब बनी हुई है, जब आम गिरी से खाद्य पदार्थ और औषधि निर्माण का काम किया जा रहा है।

संग्रहण से दूर हो रहे संग्राहक

संग्रहण, अच्छी तरह सुखाना। फिर तोड़ना और गिरी को सुरक्षित निकालना लेकिन प्रति किलो कीमत आम गिरी में 8 से 10 रुपए किलो को संग्राहक बेहद कम इसलिए मान रहे हैं क्योंकि मेहनत की तुलना में कम ही है यह दर। प्रयास किए गए दाम बढ़वाने की लेकिन सफलता नहीं मिली। यह देखकर अब संग्राहक आम गुठली के संग्रहण से दूर होने लगे हैं। इसके बाद भी प्रति किलो दर स्थिर ही है।

सिर्फ एक खरीददार

आम गिरी से तेल बनाने वाली एक भी इकाई छत्तीसगढ़ में नहीं है। ऐसे महाराष्ट्र की ईकाइयों को आम गिरी बेचनी पड़ती है लेकिन प्रतिस्पर्धी खरीदी की बजाय प्रतिस्पर्धी विक्रय जैसी स्थितियों ने दाम को निम्न स्तर पर बनाए हुए रखा है। इसलिए आम गुठली का कारोबार अब अपने छत्तीसगढ़ से विदाई की तैयारी में आने लगा है। शुरुआत संग्राहकों के कमजोर संग्रहण और वनोपज कारोबारियों की कमजोर खरीदी के रूप में चालू हो चुकी है।बनती हैं यह सामग्रियां

बनती हैं यह सामग्रियां

आम की गिरी से मेडेल बटर निकाला जाता है। जो कोको बटर का विकल्प बन चुका है। साबुन उद्योग में इसका उपयोग साबुन की कठोरता और चिकनाई के लिए किया जाता है। कॉस्मेटिक इंडस्ट्रीज इसकी खरीदी क्रीम और लिपस्टिक बनाने के लिए कर रहीं हैं। आम गिरी की खरीदी दस्त और पेचिश जैसी बीमारियों की रोकथाम के लिए औषधि बनाने वालीं इकाईयां अभी कर रहीं हैं। यह सभी सामग्रियों के बनाने के बाद निकलने वाला अवशेष डी- ऑयल्ड केक रूप में खेतों तक पहुंचता है, जैविक खाद के उपयोग के लिए।आवश्यक है प्रदेश में सॉल्वेंट प्लांट

आवश्यक है प्रदेश में सॉल्वेंट प्लांट

आम गुठली के कारोबार में संभावनाएं तो हैं लेकिन अपने प्रदेश में इससे बनने वाले उत्पादन के लिए सॉल्वेंट प्लांट की आवश्यकता है। तब ही गुठली संग्राहकों सही दाम मिल पाएगा।सुभाष अग्रवाल, एसपी इंडस्ट्रीज, रायपुर

सुभाष अग्रवाल, एसपी इंडस्ट्रीज, रायपुर

आम की गिरी मूल्यवान उप-उत्पाद

आम की गिरी एक उपेक्षित परंतु अत्यंत मूल्यवान उप-उत्पाद है, जिसमें पोषण, औषधीय, औद्योगिक और पर्यावरणीय लाभ छिपे हैं। यदि इस संसाधन का सही तरीके से उपयोग किया जाए तो यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त कर सकता है, और किसानों को अतिरिक्त आय का स्रोत प्रदान कर सकता है।

अजीत विलियम्स, साइंटिस्ट (फॉरेस्ट्री), बीटीसी कॉलेज ऑफ़ एग्रीकल्चर एंड रिसर्च स्टेशन, बिलासपुर