खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की राख और धुएं से बढ़ती परेशानी

भाटापारा। सड़क के किनारे फेंका जा रहा सॉलिड वेस्ट। भोजन की तलाश में निकले मवेशियों का हुजूम। चिमनियों से निकलता राख युक्त धुंआ। यह सब दृश्य किसी भी समय देखे जा सकते हैं, उस सूरजपुरा रोड पर, जहां दाल और पोहा इकाइयां चल रहीं हैं। प्रदूषण और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के नियमों के पालन को लेकर जिस तरह लापरवाही दिखाई जा रही है, उसकी मिसाल शायद खोजने पर भी नहीं मिलेगी।

बढ़ते उद्योग को भले ही विकास का प्रतीक माना जाता है लेकिन यह किस तरह नियम तोड़ रहे हैं? जैसे सवाल के जवाब यहां नहीं मिलेंगे। क्यों नहीं, जैसे सवाल नहीं करें तो अच्छा होगा। जी हां, बात हो रही है उन खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की, जिन्होंने नियम तोड़ना अपना अधिकार मान लिया है। यह ग्राम सूरजपुरा है। जहां पहुंचने के रास्ते के दोनों किनारों पर दर्जनों पोहा और दाल बनाने वाली इकाइयां चल रहीं हैं। यह इकाइयां, जिस तरह प्रसंस्करण के पहले और बाद में निकल रहे वेस्ट को ऐसे ही निपटा रहीं हैं, इनसे परेशानी तो बढ़ रही है, साथ ही पर्यावरण को भी प्रदूषित कर रहीं है।


ऊपर धुंआ नीचे राख

पोहा मिलों को प्रदूषण फैलाने के काम में शीर्ष पर रखा जा सकता है ।चिमनियों की ऊंचाई के मानक का पालन नहीं करने से राख के बारीक कण धुंआ के साथ निकलते हैं। यह आने-जाने वाले राहगीरों की आंखों में जाते हैं। नीचे याने जमीन पर सड़क के एक किनारे पर निकली राख ऐसे ही डाल दी जा रही है। याने ना पर्यावरण का ध्यान रखा जा रहा है, ना प्रदूषण का।


यह भी कम नहीं

इसी मार्ग पर दाल मिलें भी चल रहीं हैं। ये इकाइयां प्रसंस्करण के पहले और बाद में निकले अपशिष्ट प्रबंधन को लेकर इतनी लापरवाह हैं कि इसकी बानगी सड़क पर चल कर देखी जा सकती है। जहां एक किनारे पर, फैल गई यह अपशिष्ट इस बारिश में फिसलन की वजह बन रही हैं। सफाई के दौरान निकलता डस्ट वैसे ही है, जैसे एक के साथ एक फ्री। रही-सही कसर वे मवेशी पूरा कर रहे हैं, जो भोजन की तलाश, इसी वेस्ट में कर रहें हैं।


फिक्र नहीं इनको भी

कहने को इस जिले में औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा महकमा काम कर रहा है और पर्यावरण एवं प्रदूषण निवारण मंडल के अधिकारी भी हैं लेकिन कार्यशैली कैसी है, यह राख उगलती चिमनियां और सड़कों पर डस्ट के फैलते या फैलाने के दृश्य ही कार्यशैली का प्रमाण हैं। बता दें कि मानक का पालन नहीं करने पर ,कभी इन दोनों ने कार्रवाई की है, यह कभी देखा नहीं गया।

प्रदूषण फैला रहीं इकाइयों की जांच के लिए संबंधित विभाग को पत्र लिखा जा रहा है।

  • इंदिरा देवहारी, एसडीएम, भाटापारा

सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट और धुंआ की समस्या बहुत जल्द दूर की जा रही है।

  • रंजीत दावानी, अध्यक्ष, पोहा मिल एसोसिएशन, भाटापारा

मानक के पालन के लिए उद्योग संचालकों को कहा जा रहा है।

  • नरेश आर्य ,अध्यक्ष, दाल मिल एसोसिएशन, भाटापारा