बिलासपुर। शांत है मटकी और  सुराही लेकिन ध्यान खींच रही है मिट्टी की बोतलें। कीमत ज्यादा लग सकती है लेकिन रुझान और पूछ-परख से बढ़िया मांग की संभावना बन रही है।

प्रसिद्ध है शहर का मटकी और  सुराही बाजार। यह लोकप्रियता इस बार कुछ ज्यादा बढ़ सकती है क्योंकि पहली बार राजस्थानी मिट्टी शिल्पकारों की सामग्री इस बाजार में पहुंच चुकी है। इसमें मिट्टी से बनी बोतल खूब ध्यान खींच रही है।

आकर्षक सुराहियां

परंपरागत आकार से हटकर इस बार सुराहियां आकर्षक नजर आ रहीं हैं। नए ढंग से बनी इन सुराहियों में सुंदर पेंटिंग की हुई है।
नल और बिना नल वाली यह सुराहियां खूब देखीं जा रहीं हैं। रुझान और पूछ-परख को देखकर जैसे संकेत मिल रहे हैं, उससे संभावना बनती नजर आ रही है कि बीते बरस की अपेक्षा 10 रुपए की गर्मी के बावजूद सुराही में मांग बनी रहेगी।

धूम राजस्थानी मटकियों की

परंपरागत मटकियों को इस बार राजस्थानी मटकियों से कड़ा मुकाबला करना पड़ रहा है क्योंकि इसमें भी आकर्षक डिजाइन देखी जा रहीं हैं। कीमत की बात करें तो प्रति नग 500 से 700 रुपए बोली जा रही है। इसलिए शांत है परंपरागत मटकियां क्योंकि 10 रुपए की तेजी के बावजूद यह मटकियां 90 से 140 रुपए प्रति नग जैसी कीमत पर मांग में बनी हुई है।

प्रतीक्षा बेहतर मांग की

शुरुआती दौर में है गर्मी इसलिए मटकी और सुराही बाजार बेहतर मांग के लिए जोरदार गर्मी की प्रतीक्षा कर रहा है। गर्मी और तेज धूप के पूर्वानुमान को देखते हुए यह क्षेत्र इस बरस रिकॉर्ड डिमांड की आस में है। इसलिए निर्माण क्षेत्र के साथ-साथ भंडारण पर भी नजर रखी जा रही है ताकि मांग के अनुरूप उपलब्धता बनी रहे।