ग्रीन नेट की सलाह
बिलासपुर। खतरे की जद में हैं लाल, पालक और मेथी भाजी। उत्पादन घटने की प्रबल आशंका है धनिया पत्ती और टमाटर में। बढ़ता तापमान देखकर सब्जी वैज्ञानिकों ने सब्जी उत्पादक किसानों को ग्रीन नेट के उपयोग की सलाह दी है।
सतर्कता बेहद जरूरी है सब्जी फसलों के बचाव के लिए क्योंकि तापमान का स्तर सब्जी फसलों की कुछ अहम प्रजातियों को नुकसान पहुंचाने की स्थिति में पहुंचता नजर आ रहा है। होली के बाद यह कुछ ज्यादा नजर आएगा जिससे उत्पादन में कमी आ सकती हैं।

… तो मेथी कड़वी और कड़ी
35 डिग्री सेल्सियस। करीब है इतना तापमान। पहला असर मेथी भाजी पर देखा जाएगा। पत्तियां कड़ी हो जाएंगी, तो स्वाद में कड़वापन की आशंका बन रही है। पालक की पत्तियां छोटी आएंगी तो लाल भाजी में सफेदी के साथ हल्का कीट प्रकोप देखा जाएगा। खतरा उस धनिया पत्ती में भी बनता नजर आ रहा है, जिसकी खरीदी बड़े पैमाने पर होती है। सब्जी वैज्ञानिकों के मुताबिक इसमें समय पूर्व पुष्पन की आशंका प्रबल है।

सफेदी गायब
फूल गोभी में सफेदी की जगह पीलापन नजर आएगा। पत्ता और नवल गोभी में भी ऐसे ही दुष्प्रभाव देखे जाएंगे। बढ़ते तापमान से टमाटर भी अछूता नहीं रहेगा। समय पूर्व परिपक्वता की वजह से गहरी लालिमा की जगह पीलापन साफ नजर आएगा। तापमान का बढ़ता स्तर इसका उत्पादन घटाने में मजबूर करेगा। यानी होली के बाद इसकी खरीदी महंगी में करनी होगी।

उत्पादन में जबरदस्त गिरावट
सब्जी वैज्ञानिकों के अनुसार तापमान 35 डिग्री सेल्सियस पार करने के बाद पहला असर भाजी फसलों पर पड़ेगा, जिसका उत्पादन करीब 40 फ़ीसदी घट सकता है। जबकि 40 डिग्री पहुंचते ही यह बढ़कर लगभग 50 फ़ीसदी तक जाने की आशंका है। गुणवत्ता प्रभावित होगी यह नुकसान अलग से देखा जाएगा। तापमान का स्तर जैसा बढ़ा हुआ है, उसे देखते हुए होली के बाद इसे साफ तौर पर देखा जा सकेगा।

करें ग्रीन नेट का उपयोग
सब्जी फसलों को तापमान से बचाने के लिए ग्रीन नेट का उपयोग सही होगा लेकिन भाजी फसलों, गोभी और टमाटर फसल पर खतरा और नुकसान कुछ ज्यादा होने की आशंका है।
– डॉ अमित दीक्षित, डीन, उद्यानिकी एवं वानिकी महाविद्यालय, पाटन