पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि

                      पीयूष कुमार


कवि, तुम्हारे जाने से तुम नही जानते क्या छूट गया है छत्तीसगढ़ की माटी से। अरपा अउ पैरी की धार तुम्हारी आवाज में मने मन बोहा रहे हैं। जिस गाड़ी में तुम चल दिये, उसका पता कोई नही दे सकता। मोर संग चलो रे…! का अभूतपूर्व आवाहन देवय्या अब कौनो नई है। कजरैली मैना, पडकी परेवना अउ सुवना सब्बो उदास है अब तक।

छत्तीसगढ़ी लोक अपनी मूल कोमलता, औदात्य,  माटी की महक और सरलता के साथ जिन गीतों में बसता है तो वह लक्षमण कका के गीतों और गले से उपजा है। विगत 40 बरसों में इन्होंने जो लिखा, वह छत्तीसगढ़ी लोक की आत्मा का अमर राग है। फेसबुक पर मेरी छत्तीसगढ़ी लोक पर प्रस्तुत लगभग सभी वीडियोज लक्ष्मण मस्तुरिया के लिखे और गाये हुए हैं। आप देखकर समझ सकते हैं कि छत्तीसगढ़ी लोक की मिठास क्या होती है, कैसे होती है। हमारे वे लोकनायक हैं। उनकी नज़रों से देखा छत्तीसगढ़ ही हमारा भी छत्तीसगढ़ है। आज जब लोक संस्कृति आधुनिक सभ्यता की परछाई में गुम होती जा रही है, लक्ष्मण कका  के बोल, उनकी आवाज हमारे भीतर के इंसान को हमेशा जीवित रखेगी, यह मेरी कामना है। आप हमारी लोकसंस्कृति, हमारे खेत, नरवा, बखरी, चिरइ चिरगुन, नदिया तालाब, गोंदा, देवारी होली में अपने गीतों के लाली गुलाली रंग छिचत आते रहेंगे… छेंव पारा तक, यह कामना है, विश्वास है।

आज उनका लिखा एक गीत उनकी स्मृति में प्रस्तुत है। यह गीत छत्तीसगढ़ का प्रेम, उद्दात्तता, सदाशयता को बेहतर रूप में प्रस्तुत करता है। इसका भावार्थ है – ओ शहर की ओर जानेवाले, चिकनी सड़कों पर चलनेवाले राही, मेरे गांव से अपनापन और प्रेम लेता जा। बरगद के नीचे बैठ जा, अपने बिखरे हुए मन को आराम दे। तालाब में मन भर नहा ले, नहर के पानी को पीकर हृदय की प्यास बुझा ले। आंगन में रुक जा रात बिता ले, थके मन को नई ऊर्जा से भर ले। जीवन नश्वर है। क्षणिक जगमग में मत खो जाना। जीवन की डोर कच्ची है, ज्यादा जोर न लगा। काल जिसने हम सबको बनाया है, सब कुछ छीनकर ले जाएगा। ये जो दुनिया को चलानेवाला है, बड़ा निर्दयी है। इसलिए ओ राही, मेरे गांव से जरा सा प्रेम और अपनापन लेता जा। 1982 के इस गीत को गाया है कविता वासनिक ने और संगीत दिया है खुमान साव जी ने। गीत का वीडियो फार्मेट बनाया है manoj pathak भैया ने। उनका आभार।
      लक्ष्मण मस्तूरिया अपनी रचनाओं से सदा अमर रहेंगे। छत्तीसगढ़ की माटी की सुगंध सदा आपके गीतों से पहचानी जाएगी। नमन … 💐