तेजी से दूर मसाला बाजार
बिलासपुर। मांग नहीं मिर्च में। हल्की ही है हल्दी की खरीदी। एकमात्र जीरा ही नियमित खरीदी सूची में नजर आ रहा है। कुल जमा सार यह कि दीप पर्व की तैयारी के लिए बन रही सूची में मसाला सबसे निचले पायदान पर है।
पैक्ड हो या लूज़। मसालों में अभी भी खरीदी नहीं निकल पाई है। हद तो यह कि पूछ-परख तक नहीं है। ऐसे में कीमत स्थिर बने हुए हैं। धारणा अचार के सीजन तक ऐसे ही बने रहने के हैं। वैसे ज्यादा तेजी की संभावना इसलिए भी नहीं है क्योंकि बीते बरस की तुलना में मसाले की फसल बेहतर बताई जा रही है।

स्थानीय फसल से राहत
अपने छत्तीसगढ़ में भी धनिया और मिर्च की व्यावसायिक खेती होती है। इसकी वजह से दोनों की कीमत नियंत्रण में है। मसाला बाजार इस समय लाल मिर्च में 240 से 320 रुपए किलो का भाव बता रहा है जबकि पाउडर 280 से 400 रुपए किलो पर शांत है। कुछ ऐसा ही हाल खड़ा धनिया में भी है, जो 140 से 220 रुपए किलो पर स्थिर है। पाउडर में कीमत 170 से 240 रुपए किलो बताई जा रही है।
हल्की मांग हल्दी में
होटल, ढाबा और स्ट्रीट फूड काउंटरों के साथ घरेलू मांग हल्दी में बनी हुई है लेकिन त्यौहार के दिनों के लिए खरीदी हल्दी में भी गायब है। आंध्र प्रदेश के गुंटूर से आ रही खड़ी हल्दी में भाव 240 से 280 रुपए किलो बताया जा रहा है, तो पाउडर हल्दी की कीमत प्रति किलो 260 से 340 रुपए पर शांत है। हलचल या तेजी के संकेत नहीं है क्योंकि इसमें पर्याप्त उपलब्धता बताई जा रही है।

अच्छे दिन की आस में
80 से 200 रुपए किलो की कीमत के साथ तेज पत्ता बेहतरी की आस में है। काली मिर्च भले ही 800 से 1200 रुपए किलो कीमत के साथ महंगा मसाला माना जा रहा हो लेकिन मांग इसमें भी नहीं है। मेथी दाना 90 से 140 रुपए किलो जैसी निचली कीमत पर खरीदी निकालने की राह देख रहा है। थोड़ी बहुत खरीदी जीरा में निकली हुई है लेकिन इसे पर्याप्त नहीं माना जा रहा है। लिहाजा खड़ा जीरा 280 से 400 रुपए और पाउडर 320 से 500 रुपए पर ठहरा हुआ है।