तैयार है ओल्ड प्लास्टिक बैग

100 फ़ीसदी मांग के आसार

भाटापारा। आसार स्थिरता के बने हुए हैं। इसलिए प्लास्टिक बारदाना में 100% डिमांड की संभावना लेकर चल रहा है यह क्षेत्र क्योंकि बीते रबि सत्र की फसल के लिए ओल्ड प्लास्टिक बैग में मांग का प्रवाह बना हुआ है।

खरीफ सत्र की फसल की स्थिति पर नजर रख रहा ओल्ड जूट एवं प्लास्टिक बैग कारोबार इस बरस बारदाना में शत-प्रतिशत डिमांड निकालने की संभावना देख रहा है। यह इसलिए क्योंकि दोनों बारदानों की कीमत ठहरी हुई है। तेजी की संभावना इसलिए नहीं है क्योंकि मांग से ज्यादा बारदाने पहुंच रहे हैं।

7 से 10 रुपए

आटा की प्लास्टिक बोरी 7 रुपए, शक्कर की बोरी 10 रुपए और उर्वरक की बोरियां 8 रुपए प्रति नग। डिमांड में लगातार बनी हुई हैंं, यह बोरियां। भंडारण में कम लेकिन कृषि उपज के परिवहन में प्लास्टिक की इन बोरियों का इस्तेमाल लगातार बढ़ रहा है। फिलहाल बीते रबि सत्र की फसल के  परिवहन के लिए उपलब्धता और मांग जैसी प्लास्टिक बोरियों में बनी हुई है, उसे देखकर आगत खरीफ सत्र में 100 फीसदी मांग की संभावना है। तैयारी संभावित मांग में देखते हुए अंतिम चरण में है।

महंगा, फिर भी मजबूत

जूट बैग। प्लास्टिक बैग की तुलना में प्रति बोरी भले ही महंगा हो लेकिन खरीदी में प्राथमिकता इसे ही मिलती है क्योंकि उपयोग भंडारण और परिवहन दोनों काम में किया जा सकता है। फिलहाल इसमें थोक में प्रति सैकड़ा कीमत 1300 से 1400 रुपए बोली जा रही है। सामान्य खरीदी के बीच बेहतर मांग की संभावना खरीफ फसल की आवक के बीच बनने की बनी हुई है लिहाजा ओल्ड जुट बैग बाजार इसकी भी तैयारी में जुटा हुआ है।

यह है मांग क्षेत्र

ओल्ड जूट और प्लास्टिक बैग की खरीदी अपने जिले के अलावा बिलासपुर, सारंगढ़, जांजगीर- चांपा, कटघोरा, मुंगेली, बेमेतरा के साथ कवर्धा जिले के किसान भी करते हैं। इसके साथ उत्तर प्रदेश के आलू-प्याज और लहसुन उत्पादक क्षेत्र किसान भी ऐसे बारदानों की खरीदी बड़ी मात्रा में करते हैं लिहाजा इन क्षेत्रों की संभावित मांग के मद्देनजर तैयारी की जा रही है।