जानिए येलो, ऑरेंज और रेड अलर्ट का मतलब
बिलासपुर। सक्रिय है मानसून। सतर्क है भारतीय मौसम विज्ञान विभाग। पल-पल बदलते रूप को देखते हुए वह अलर्ट भी जारी कर रहा है। ऐसे में यह जानना जरूरी होगा कि येलो, ऑरेंज और रेड अलर्ट का मतलब क्या होता है? ऐसा इसलिए क्योंकि जानकारी के बाद जरूरी सुरक्षागत उपायों का किया जाना आसान होगा।
शुरू हो चुके जुलाई माह के लिए भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब और महाराष्ट्र के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है जबकि शेष राज्यों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विज्ञान विभाग कुछ जगहों के लिए येलो, तो कुछ जगह के लिए ऑरेंज के साथ-साथ रेड अलर्ट भी जारी करता है। क्या आपको मालूम है कि मौसम विभाग किस परिस्थिति में, कौन सा अलर्ट जारी करता है ? आईए जानते हैं कि यह अलर्ट कब और क्यों जारी किए जाते हैं ?
इसलिए येलो अलर्ट
खराब है मौसम। यह बताने के लिए भारतीय मौसम विज्ञान विभाग येलो अलर्ट जारी करता है। येलो अलर्ट का मतलब होता है कि मौजूदा स्थिति में खतरा तो नहीं है लेकिन कभी भी मौसम की प्रतिकूल स्थिति सामने आ सकती है। इसलिए तैयार और सतर्क रहें। सतर्कता वांछनीय है। यह अलर्ट 24 घंटे में 64.5 मिमी से 115.5 मिमी की बारिश की संभावना व्यक्त करता है। जो अगले एक या दो घंटे तक बना रह सकता है।
ऑरेंज अलर्ट मतलब भारी बारिश
मौसम खराब हो चुका है। बाहर जाने से बचें क्योंकि वायु वेग चक्रवात में बदल चुका है। इसकी गति 65 से 75 किलोमीटर प्रति घंटा होती है। अधिकतम बारिश 24 घंटे में 115.6 से 204.4 मिलीमीटर होने की संभावना है। यह अलर्ट प्रभावित क्षेत्र में बाढ़ की भी आशंका को स्पष्ट करता है। आवश्यक होने पर अतिरिक्त सावधानी और सुरक्षा उपाय के साथ निकलें।
रेड अलर्ट यानी अति भारी बारिश
बेहद गंभीर और मौसम बहुत ज्यादा खराब होने की आशंका पर रेड अलर्ट जारी किया जाता है। 24 घंटे में 204.5 मिमी से ज्यादा बारिश प्रभावित क्षेत्र की नदियों में भीषण बाढ़ ला सकती है। खतरनाक स्थिति का सूचक रेड अलर्ट, धन-जन के लिए बेतरह नुकसान का संकेत देता है। इसलिए सतर्क और सावधान रहें। जारी नियमों का परिपालन करने की सलाह भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने जारी की है।
यह सावधानी आवश्यक
अलर्ट जारी होने की स्थिति में सबसे पहले अपने घर पहुंचें। आगे की स्थितियों के लिए विभिन्न संचार माध्यम के जरिए जानकारी लेते रहें। बिजली उपकरण और गैस कनेक्शन का उपयोग कम से कम करें। दरवाजे खिड़कियां बंद रखें और फर्स्ट एड बॉक्स नजदीक रखें। यह उपाय मानव और मवेशियों, दोनों के लिए करना होगा।
भारी और अति भारी बारिश का संकेत
येलो अलर्ट का प्रभाव सीमित दायरे में होता है जबकि ऑरेंज और रेड अलर्ट भारी और अति भारी बारिश जैसी स्थिति को परिभाषित करते हैं। अलर्ट की तीनों स्थितियों में सावधानी आवश्यक है।
– डॉ एस आर पटेल, रिटायर्ड साइंटिस्ट, एग्रोनॉमी, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर