कर सकेंगे शिकायत, गुणवत्ताहीन दवाई, खाद्य एवं पेय पदार्थ की
बिलासपुर। खाद्य एवं पेय पदार्थ ही नहीं, दवाईयों में भी किसी तरह की गड़बड़ियों की शिकायत, अब हेल्पलाईन नंबर पर की जा सकेगी। खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने उपभोक्ता हितों को ध्यान में रखते हुए यह सुविधा तत्काल प्रभाव से लागू कर दी है।
खान-पान की सामग्री और दवाईयां बेचने वालों को अब बेहद गंभीरता और सतर्कता के साथ कारोबार करना होगा क्योंकि भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम-2006 की धारा 46 को बेहद सख्ती के साथ लागू करने के आदेश जारी हो गए हैं। कड़ाई के पहले चरण में हेल्पलाइन नंबर 93405-97097 जारी किया जा चुका है। इस नंबर पर उपभोक्ताओं की शिकायत मिलते ही जांच शुरू कर दी जाएगी।

पहली बार दवाईयां
मिलती रहीं हैं निम्न गुणवत्ता वाली दवाईयों के विक्रय की शिकायतें लेकिन प्रभावी नहीं थे नियंत्रण के उपाय। कुछ आवश्यक फेरबदल के बाद नई व्यवस्था के साथ इस क्षेत्र को भी हेल्पलाइन नंबर से जोड़ा गया है। प्रशासन का मानना है कि नए उपाय के प्रभावी होने से क्षेत्र में चल रही गड़बड़ियों को न केवल रोका जा सकेगा बल्कि प्रभावी रोक भी लगाई जा सकेगी। इससे मरीजों तक मानक गुणवत्ता वाली दवाइयों की आसान पहुंच तय की जा सकेगी।

यहां सबसे ज्यादा
खान-पान की सामग्री बनाने और बेचने वाली दुकानें। यह ऐसे क्षेत्र हैं, जहां सबसे ज्यादा शिकायतें मिलती हैं। सघन जांच और कार्रवाइयां भी की जाती है। इसके बावजूद आशानुरूप सुधार नहीं आया है। इसलिए प्रशासन ने सीधे उपभोक्ताओं से जुड़ने और संपर्क का फैसला लिया है। इस क्षेत्र के उपभोक्ता भी अब उपयोग की जा रही खाद्य या पेय सामग्री की गुणवत्ता की जानकारी दे सकेंगे। जिससे जांच में जरूरी मदद मिलेगी और कार्रवाई को गति मिलेगी।

अनिवार्य होगा यह काम
हेल्पलाइन नंबर 93405-97097 पर शिकायत, कॉल या मैसेज के जरिए की जा सकती है। यदि शिकायतकर्ता संबंधित सामग्री की जांच, स्वयं करवाना चाहता है तो दुकानदार की सहमति अनिवार्य होगी। साथ ही खरीदी गई सामग्री का बिल, जिसमें संस्थान का नाम व पूरा पता होना अनिवार्य होगा। शिकायतकर्ता को अपना नाम गोपनीय रखने की छूट होगी। औपचारिकता पूर्ण होने के बाद विभाग,नियमों के अनुसार जांच करेगा। बाद की अवधि में नोटिस और चेतावनी दी जाएगी।
तत्काल प्रभाव से लागू
उपभोक्ता संरक्षण के लिए हेल्पलाइन नंबर की सुविधा तत्काल प्रभाव से चालू हो चुकी है। इसके जरिए कॉल या मैसेज करके शिकायत दर्ज करवाई जा सकती है।
- उमेश वर्मा, असिस्टेंट कमिश्नर, खाद्य औषधि प्रशासन, रायपुर