तीन दिवसीय युवा कविता रचना शिविर का समापन



बिलासपुर। साहित्य अकादमी, छत्तीसगढ़ संस्कृति परिषद द्वारा युवा कविता रचना शिविर का आयोजन किया गया। इसमें अंचल के साहित्यिक अभिरुचि के युवाओं को देश- प्रदेश के आमंत्रित विशेषज्ञ एवं चर्चित साहित्यकारो द्वारा रचना प्रक्रिया के बारे में व्यापक जानकारी दी गयी।
कार्यक्रम में समापन वक्तव्य डॉ शोभित वाजपेयी ने प्रस्तुत किया। देश के आज़ादी के आंदोलन से आज तक के सामाजिक सांस्कृतिक वातावरण को व्याख्यायित करते हुए उन्होंने आज के मुख्य खतरों के बारे में आगाह किया।उन्होंने सांप्रदायिकता से सतर्क रहने के लिये वैचारिक दृष्टिकोण की सजगता को जरूरी बताया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जनवादी लेखक संघ के प्रदेश अध्यक्ष कपूर वासनिक ने की। उन्होंने साहित्य के निरंतर अध्ययन को सृजन के लिये जरूरी बताया। कार्यक्रम के विभिन्न सत्रों को प्रो. मुरली मनोहर सिंह, नथमल शर्मा , आरती, मुदित श्रीवास्तव, रामकुमार तिवारी, रफ़ीक खान, ईश्वर सिंह दोस्त, फरीद खान, विजेंद्र सोनी इत्यादि ने संबोधित किया।
इस कार्यक्रम में मार्गदर्शन तथा भागीदारी के लिये मुम्बई , भोपाल, रायपुर, बिलासपुर से आए साहित्यकार, संस्कृतिकर्मी शामिल रहे।
कार्यशाला में राजकुमार सोनी एवं मोहम्मद रफ़ीक द्वारा बीच-बीच मे साहित्यिक गीतों, कविताओं को मधुर स्वरों में प्रस्तुत किया।
कार्यशाला के संयोजक अशोक शिरोडे ने समापन सत्र का संचालन किया। सहायक संयोजक सत्यभामा अवस्थी ने पी सी रथ तथा कार्यक्रम समन्वयक मृगेंद्र सिंह के साथ मिल कर कार्यशाला की व्यवस्था सुचारू रूप से बनाई ।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए किताबों की उपलब्धता सुनिश्चित करने वाले बिलासपुर के सुपरिचित कपूर वासनिक द्वारा की गई। उनके अध्यक्षीय वक्तव्य में उन्होंने कहा कि साहित्य का आंदोलन महाराष्ट्र के विभिन्न स्थानों पर कैसे शुरू हुआ। सीमित साधनों से किसानों ने कैसे जीवन जिया है इस पर कविता कैसे लिखी जाएगी ये नए कवियों को देखना है।

अंतिम दिन सुबह के सत्र में प्रतिभागियों में नवोदित कवियों ने महात्मा गांधी के विचारों पर केंद्रित अपनी एक-एक कविता सुनाई। इसके बाद प्रतिभागियों से कविता पर चर्चा हुई।
स्रोत व्यक्तियों द्वारा भी आज अपनी अपनी एक कविता दोपहर के सत्र में सुनाया गया।
युवा कविता रचना शिविर में छत्तीसगढ़ इप्टा के सदस्य व प्रसिद्ध चित्रकार अरुण काठोडे व अशोक नगर म.प्र. के रंगकर्मी व चित्रकार पंकज दीक्षित के कविता पोस्टर्स भी प्रदर्शित किए गए। युवा कवियों न कविता पोस्टरों का गहनता से देखा उस पर बात की।
काव्य सृजन प्रक्रिया पर केंद्रित विभिन्न सवालों पर विषय विशेषज्ञों द्वारा तीनो दिन सुबह से शाम तक प्रतिभागियों के प्रश्नों का समाधान का सिलसिला जारी रहा। कार्यशाला में मनेंद्रगढ़ चिरमिरी, कबीरधाम, जांजगीर चाम्पा, रायगढ़, दुर्ग, रायपुर, खैरागढ़, बिलासपुर तथा धमतरी जिलों के 60 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम के प्रतिभागियों में महिलाओं की बड़ी भागीदारी देखी गयी।

ईदगाह चौक के पास स्थित प्रेस ट्रस्ट भवन के सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में बिलासपुर के साहित्यकार संस्कृतिकर्मियों, पत्रकारों सहित में हबीब खान, मंगला देवरस, कल्याणी वर्मा, नरेश अग्रवाल, मुरली मनोहर सिंह, लखन सिंह, श्याम बिहारी बनाफर, अरुण दाभड़कर, सचिन शर्मा, असीम तिवारी, वी वी रमन किरण, डी के जिवतोड़े, मोतीराम लोहिया, कल्पना जिवतोड़े, मनीषा शिरोडे, संजय चंदेल, श्रीकुमार, सुमित शर्मा, आदि उपस्थित थे।

By MIG