नियंत्रण में होगा वजन और मधुमेह
बिलासपुर। फूल या फल नहीं, पत्तियां हैं काम की। मेडिशनल प्रॉपर्टीज इतनी कि, सेवन से मधुमेह और बढ़ता वजन कंट्रोल में रखा जा सकता है। इतना ही नहीं, पत्तियों का पेस्ट बालों की कई तरह की समस्या दूर करता है।
नाम है करी पत्ती। बोलचाल की भाषा में मीठा नीम कहा जाता है। महामारी के दौर में मीठा नीम कई संक्रमण रोकने में खूब मददगार माना गया था क्योंकि इसमें औषधीय तत्वों का होना पाया गया है। लगभग हर घर में मिलती है मीठा नीम की झाड़ी। पौधरोपण की सूची में इसका नाम भले नजर नहीं आता लेकिन घरों में फूल के पौधों के बाद मीठा नीम का ही नाम लिया जाता है। यह इसलिए क्योंकि रोजाना बनने वाली सब्जियों में इसकी जरूरत होती है।

इसलिए बालों का डाक्टर
रिसर्च में करी पत्ता को बालों की व्याधियों को खत्म करने में सहायक पाया गया है। नियमित सेवन से बालों का झड़ना तो कम होता ही है, साथ ही असमय सफेदी की समस्या भी दूर होती है। पत्तियों का पेस्ट बनाकर लगाने से बैक्टीरिया और संक्रमण रोका जा सकता है। चमक भी दीर्घकाल तक बनी रहती है।

घटाता है वजन
डायक्लोरोमेथेन, एथिल एसीटेट और महानिंबाइन जैसे औषधीय गुणों के होने की वजह से, वजन को न केवल नियंत्रण में रखता है बल्कि मधुमेह, डायरिया, एनीमिया जैसी बढ़ती व्याधि को दूर करने में सहायक पाई गई हैं करी पत्तियां। इसके अलावा त्वचा संक्रमण को रोका जा सकता है। पत्तियों का सेवन काढ़ा, चाय के रूप में किया जा सकता है।

ऐसे मौसम में शीघ्र
उष्णकटिबंधीय क्षेत्र में करी पत्ता की झाड़ियां तेजी से बढ़वार लेती हैं। सूर्य की तेज रोशनी अनिवार्य है। जिस भूमि पर इसका रोपण किया गया है, उसकी मिट्टी का छिद्रदार होना आवश्यक है। भरपूर पानी लेने वाली इस प्रजाति को ग्रीष्म काल में सिंचाई अनिवार्य है जबकि शीतकाल में अल्प सिंचाई करनी होती है। खरपतवार नियंत्रण किए जाने पर शीघ्र बढ़त लेती है करी पत्ती की झाड़ी।

बेहद गुणकारी है करी पत्ता
करी पत्ते में कई औषधीय गुण होते हैं। इसे मीठी नीम के नाम से भी जाना जाता है। इसमें आयरन, कैल्शियम, फास्फोरस और कई तरह के विटामिंस होते हैं जोकि शरीर को एनीमिया, हाई बीपी, मधुमेह आदि बीमारी से बचाने में मदद करते हैं। इसमें विटामिन बी2, बी6 और बी9 की भरपूर मात्रा होती है, जो बालों को घने और मजबूत बनाने में मदद करती है।
अजीत विलियम्स, साइंटिस्ट (फॉरेस्ट्री), बीटीसी कॉलेज आफ एग्रीकल्चर एंड रिसर्च स्टेशन, बिलासपुर