महुआ में हल्की गर्मी



बिलासपुर। मांग नहीं बबूल बीज में लेकिन महीनों बाद, अब जाकर चरौटा की सेहत सुधरती नजर आ रही है। इधर महुआ में हल्की गर्मी महसूस कर रहा है वनोपज बाजार।

शांत वनोपज बाजार में अब जाकर हल्की हलचल महसूस की जा रही है क्योंकि चरौटा और महुआ में मांग और भाव बढ़त लेने लगे हैं। यह स्थिति दीर्घकाल तक बनी रही, तो इस बरस कीमत और मांग दोनों को अरसे तक याद किया जाएगा।

सुधरती सेहत चरौटा की

शीत ऋतु में आती है चरौटा की फसल। सीजन ने निराश नहीं किया। अपेक्षित फसल के बाद संग्रहण किया गया चरौटा के बेहतर भविष्य और मांग की उम्मीद पर उस दिन झटका लगा जब मलेशिया, ताइवान, चीन और जापान ने आयात के द्वार बंद कर दिए। महीनों की लंबी प्रतीक्षा के बाद अब देश से निर्यात की संभावना बलवती हो रही है। इससे चरौटा में भाव अब 2600 से 2700 रुपए क्विंटल पर बोले जाने लगे हैं।

क्वालिटी महुआ गर्म

औसत दर्जे के महुआ में मांग नहीं के बराबर ही है लेकिन उच्च गुणवत्ता वाला महुआ में मांग अपेक्षाकृत बेहतर है। जैसी मांग बनी हुई है, उसे देखकर संभावना व्यक्त की जा रही है कि आने वाले दिन निश्चित अच्छे होंगे क्योंकि इस बरस महुआ की फसल कमजोर रही है जबकि मांग का स्तर पूर्ववत बना हुआ है। कीमत की बात करें, तो उठती मांग के बीच क्वालिटी महुआ में भाव 3100 से 3200 रुपए क्विंटल बोले जा रहे हैं।

पड़ा बाजार बबूल का

भरपूर मांग की उम्मीद में बबूल बीज की खरीदी की थी वनोपज कारोबार ने लेकिन पशु आहार बनाने वाली इकाइयों की मांग नहीं है। वैसे इसमें मांग की संभावना इसलिए भी नहीं है क्योंकि हरा चारा के दिन आ गए हैं। इसलिए बिहार, झारखंड और उड़ीसा जैसे उपभोक्ता राज्य की मांग नहीं के बराबर रह गई है। यही वजह है कि बबूल बीज में भाव 1700 से 1800 रुपए क्विंटल पर ठहरा हुआ है।


बबूल बीज में लिवाली नहीं है। महुआ में हल्की मांग जरूर है लेकिन चरौटा में इसलिए तेजी आ रही है क्योंकि मांग निकल रही है।
– सुभाष अग्रवाल, एसपी इंडस्ट्रीज, रायपुर