00 प्रत्येक भारतवासी का यह धर्म है की वो भगवान श्री राम मंदिर निर्माण के लिए स्वेच्छानुसार सहयोग करे : धर्मजीत
बिलासपुर। श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या में श्रीराम मंदिर के निर्माण की शुरुवात की जा चुकी है जिसके लिए पूरे देश मे स्वेच्छानुदान की राशि के लिए पहल की जा रही है जिसके लिए श्रीराम भक्तो के द्वारा गांव गांव जाकर रैली के माध्यम से लोगो से अपील की जा रही है कि अपने स्वेच्छानुसार श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए धन राशि समर्पण की मांग की जा रही है जिसके लिए जनमानस श्रीराम भक्तो के द्वारा समर्पण राशि दान की जा रही है। इसी कड़ी में आज लोरमी विधायक धर्मजीत सिंह के द्वारा श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए 1 लाख 11 हजार रुपये की राशि समर्पित की गई। वहीं श्रीराम भक्तो के द्वारा निकाली गई रैली में शामिल हुए जिसमे बड़ी संख्या में रामभक्त सहित छोटे छोटे बच्चे शामिल हुए। बतां दें कि श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए पूरे देश मे 31 जनवरी तक रैली के माध्यम से समर्पण करने के लिए लोगो को प्रोत्साहित किया जा रहा है जिसमे लोगो द्वारा बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया जा रहा है आलम यह है कि श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए राशि समर्पण करने वालो की संख्या इतनी बढ़ती जा रही है कि ट्रस्ट के द्वारा भेजे गए रसीद बुक की भी कमी होती जा रही है।
इस दौरान लोरमी विधायक धर्मजीत ने बताया कि हम सबका यह बहुत ही सौभाग्य है की आज हमारे लोरमी में श्री राम मंदिर निर्माण जन जागरण के लिए एक भव्य रैली का आयोजन किया गया मैं उसमें शामिल होने के लिए यहां पहुंचा हूं और श्री राम मंदिर निर्माण के लिए समर्पण के लिए एक छोटी सी राशि एक लाख ग्यारह हजार रुपये मैंने भगवान श्रीराम के चरणों मे समर्पित किया है प्रत्येक भारतवासी का यह धर्म है की वो भगवान श्री राम मंदिर निर्माण के लिए स्वेच्छानुसार सहयोग राशि प्रदान करें। भगवान राम हमारी आस्था है भगवान राम इस देश की आत्मा है और हम सब के लिए यह गौरव का क्षण है।

वहीं प्रदेश के मुख्य सचिव द्वारा श्रीराम मंदिर ट्रस्ट को लिखे पत्र के विषय मे लोरमी विधायक ने कहा कि राजनीतिक रूप से राजनीतिक दल के लोग बयानबाजी करते है एक दूसरे के ऊपर आरोप प्रत्यारोप करते है वहां तक तो बात समझ आती है। पर प्रदेश सरकार सर्वोच्च पद पर बैठे हुए किसी भी अधिकारी को इस प्रकार का पत्र नही लिखना चाहिए ये श्रीराम मंदिर का जो ट्रस्ट है वो भारत सरकार के द्वारा बनाया गया ट्रस्ट है और उस ट्रस्ट के लोग अपनी सुविधा और व्यवस्था के अनुसार चाहे जिसे भी अधिकृत किये हो वो यहां पर काम कर रहे है यदि कहीं पर कोई गलती दिखे तो जरूर सरकार को उसको संज्ञान में लेना चाहिए उस ट्रस्ट से नाम पूछकर दबाव बनाने की कोशिश नही होनी चाहिए इसको मैं सर्वथा अनुचित मानता हूँ।