सुबह 11:3० बजे से जिले के सभी 6 सेंटरों में कोरोना टीकाकरण की हुई शुरुवात एक कि बिगड़ी हालत अस्पताल में भर्ती कराया

बिलासपुर। दुनिया के सबसे बड़े कोरोना टीकाकरण का आगाज बिलासपुर में भी हो गया। यहां शनिवार को 6 केंद्रों पर वैक्सीनेशन किया गया। जिला अस्पातल में वार्ड बॉय ज्ञानू भोई को पहला टीका लगाया गया। इसके साथ ही सिम्स में शवगृह में कार्यरत स्वीपर रामनाथ भोई, अपोलो में डॉ. वैभव ओत्तलवार, दर्रीघाट में आशा मरावी, बिल्हा में शकीना बी. और मस्तुरी में लैब टेक्निीशियन सुरेश मिर्री को पहला टीका लगाया गया। सभी ने टीका लगने के बाद एक ही बात कही की हमें हमारे देश के वैज्ञानिकों पर पूरा भरोसा है। यह टीका हमारे देश में ही बना है। इसलिए अधिक विश्वसनीय है। वहीं इन्होंने कहा कि यह टीका पहले आ जाता तो हमें हमारे कई साथियों को खोना नहीं पड़ता। इनके अलावा जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. अनिल गुप्ता, सिम्स के अधीक्षक डॉ. पुनीत भारद्बाज व कई डॉक्टर, नर्स, वार्ड बॉय और सफाई कर्मीयों ने भी टीकाकरण में भाग लेते हुए कोरोना की पहली वैक्सीन लगवाया। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी सभी सेंटरों में पहुच कर निरीक्षण करते रहे। साथ ही सभी को कोरोना से संबंधित जानकारी देते रहे। शाम 5 बजे तक सभी सेंटरों को मिलाकर कुल 359 लोगो ने ही कोरोना के टीके लगवाए जबकि पहले दिन 600 हेल्थ वर्करों का टीका लगाने का टारगेट रखा गया था। जिसमे बिलासपुर पिछड़ गए पहले दिन 60 प्रतिशत ही टीकाकरण हो पाया। 6 सेंटरों में शाम तक कुल 435 लोग पहुचे। इसमें से 359 लोगों ने ही कोविड वैक्सीन लगवाई है। वहीं बीमारी और गर्भवती होने के कारण 76 लोगो ने वैक्सीन नहीं लगवाने की बात कही। हालांकि इन सभी ने भविष्य में मौका मिलने पर वैक्सीनेशन कराने की बात कही है। दूसरी तरफ लिस्ट में नाम होने के बावजूद 165 लोग वैक्सीनेशन के लिए सेंटर पहुँचे ही नहीं। इस बीच सबसे अच्छी खबर यह है कि वैक्सीन लगवाने वाले 359 लोगों से किसी को साइड इफेक्ट नहीं हुआ है।

सेंटर1 जिला अस्पताल- ज्ञानू भोई: यह मानवता के लिए एक महान दिन है। पहली खुराक लेने के बाद मैं गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। हर किसी को टीका लगने के प्रति आश्वस्त होना चाहिए। आपको और मुझे टीका लगा है। आपके और मेरे परिवार के लोगों को भी टीका लगेगा।
सेंटर 2 सिम्स- रामनाथ घोष: यह मेरे लिए गर्व और खुशी का क्षण था क्योंकि मैं यहां कोरोना वैक्सीन लेने वाला पहला व्यक्ति हूँ। किसी भी व्यक्ति को यह वैक्सीन लेने के लिए डरने की जरूरत नहीं है। मैं फिलहाल किसी भी तरह की कोई परेशानी महसूस नहीं कर रहा हूं और हम सबको बिना किसी डर के यह वैक्सीन लेनी चाहिए।
सेंटर 3 अपोलो- डॉ. वैभव ओत्तलवार: ने वैक्सीन के भरोसेमंद होने पर कहा, ‘मैं आज हूं और पता नहीं कल रहूं न रहूं। लेकिन, किसी बीमारी से मरने से अच्छा है कि वैक्सीन लगवा लूं। मैं पूरे विश्वास के साथ कहता हूं कि वैक्सीन पूरी तरह सेफ है। मैं लोगों को यही मैसेज देने के लिए वैक्सीन लगवाने आया हूं। हमें साइंस और भारत के वैज्ञानिकों पर भरोसा रखना चाहिए।
सेंटर 4 दर्रीघाट- आशा मरावी: मैं एक मीतानिन हूं संक्रमण काल में आस-पास के क्षेत्रों में लोगों को जागरुक करने के साथ ही कोरोना रोगियों के घर लगातार आने-जाने से मन में घर परिवार वालों की स्वास्थ्य को लेकर थोड़ा डर लगा रहता था कि कहीं मेरी वजह से वो बीमारी न हो जाए। लेकिन अब मैं सुरक्षित महसूस कर रही हूं।
सेंटर5 मस्तुरी- सुरेश मिर्री: लैब टेक्निीशियन के रुप में हमनें अपने जीवन को जोखिम में डाला और प्रतिदिन काफी संख्या में संदेहियों का सौम्पल लिया कई मौतें देख पीड़ा होती थी। यह एक राहत की बात है कि कोरोना वायरस के खिलाफ अब हमारे पास टीका है।
सेंटर6 बिल्ह- सकीना बी.: इस टीके के बाद महामारी खत्म नहीं होने जा रही है। हमें अब भी यह सुनिश्चित करेन की जरूरत है कि स्वास्थ्य प्रोटोकाल का पालन किया जाए, जिनमें मास्क पहनना, हाथ स्वच्छ रखना और सामाजिक मेलजोल से दूरी रखना शामिल है। (रोग के प्रति शरीर की) प्रतिरक्षा धीरे-धीरे विकसित होगी।

0 खामियां देख स्टेट नोडल अधिकारी ने लगाई फटकार

स्वास्थ्य विभाग द्बारा बनाए गए 6 सेंटरों सिम्स, जिला अस्पताल, अपोलो, बिल्हा व मस्तूरी, दर्रीघाट का द सेंट्रल न्यूज़ की टीम ने जायजा लिया इसी बीच मस्तूरी के स्वास्थ्य केंद्र में स्टेट के नोडल अधिकारी प्रशांत कुमार भी पहुँचे गए। उन्होंने कोविड वैक्सीन लगाने वाली महिला वैक्सीनेटर से पूछा कि किसे वैक्सीनेशन करना है। कर्मी ने सभी को वैक्सीन लगाने की बात कही। स्टेट नोडल अधिकारी के साथ पहुँची डिप्टी कलेक्टर अंशिाका पांडे ने कहा गर्भवती को लगाया जाएगा की नहीं तो जवाब नहीं दे पाई यह सून अधिकारी ने जमकर फटकार लगाई। साथ ही अधूरे ट्रेनिंग लेने वालों को वैक्सीन ड्यूटी से हटाने को कहा।