00 कॉर्निया की कमी से जूझ रहे नेत्र बैंक, सीएमएचओं बोले स्वास्थ्य विभाग का नहीं नेत्रदान करना संस्था का है काम

00 पिछले वर्ष सिम्स मेंडिकल कॉलेज में 57 नेत्रदान हुए इस वर्ष मात्र 18 पर अटका आंकड़ा

बिलासपुर। कोरोना महामारी ने मनुष्यों की सभी संवेदनाओं को झकझोर दिया है। वहीं अनेक असुविधाओं को भी सामने ला खड़ा किया है। इनके कारण नेत्रदान में भी कमी आई है। इससे पहले सिम्स को हर साल दान में 7० से 8० नेत्र मिल जाते थे। पर इस साल जनवरी से अक्टूबर तक 1० महीने में मात्र 18 नेत्र ही दान में मिले हैं। यह आंकड़ा भी जनवरी, फरवरी और मार्च माह का है। उस समय लोगों तक कोरोना संक्रमण नहीं फैला था। इसके बाद के पिछले सात माह में एक भी नेत्रदान नहीं हुआ है। जबकि पिछले साल 2०19 में जनवरी से अक्टूबर तक 45 नेत्रदान सिम्स में हुए थ्ो। वहीं दिसंबर तक 57 नेत्रदान सिम्स के आई बैक में सुरक्षित रखा गया था। नेत्रदान नहीं होने के पीछे शासन का कोई नियम नहीं है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग के मुख्यिा सीएमएचओं डॉ.प्रमोद महाजन का कहना है कि नेत्रदान कराना हमारा काम नहीं वो तो एक सामाजिक संस्था कराती है। जबकि पूरे नेत्र विभाग का संचालन स्वास्थ्य विभाग से किया जाता है। इसके लिए 5० से अधिक नेत्र सहायक और कर्मचारी हस साल नेत्रदान के लिए जगरुकता अभियान भी चलते है इसके बाद भी कोई एक नेत्रदान नहीं करा पाता और संस्था के भरोसे बैठे रहते है। कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया को प्रभावित कर रखा है। इसके कारण रक्तदान व नेत्रदान में भी कमी आई है। बिलासपुर में तो नेत्रदान पर पूरी तरह ब्रेक लग गया है। सिम्स में सैंकड़ों लोगों ने नेत्रदान के लिए फार्म भरा है। फार्म भरने वाले की मौत के इसकी सूचना परिजनों द्बारा दी जाती है। इसके बाद मेडिकल स्टॉफ द्बारा कॉर्निया को निकाल कर सिम्स के आई बैंक में सुरक्षित रखा जाता है। वहां से प्राथमिकता के आधार पर अस्पतालों में जरुरतमंद मरीजों की सूची के अनुसार प्राथमिकता तय कर लोगों की आंख में प्रत्यारोपण किया जाता है। कोरोना के कारण इस वर्ष सिम्स मेंडिकल कॉलेज में मात्र 18 नेत्रदान हुए हैं। ये भी कोरोना संक्रमण के फैलने से पहले जनवरी में 13, फरवरी में 2 और मार्च में 3 लोगों के ही नेत्रदान मिले हैं। कोरोना संक्रमण के बाद लगे लॉकडाउन के बाद से एक भी नेत्रदान नहीं हुआ है। ऐसे में कॉर्निया प्रत्यारोपण के लिए सैकड़ों लोग इंतजार कर रहे हैं। कोरोना के कारण नेत्रदान के लिए न तो लोग स्वयं सामने आ रहे हैं और न ही स्वास्थ्य विभाग या प्रशासन जगरुकता अभियान चला रही है। इसका कारण विभाग पर अत्यधिक कार्यभार आना भी है।

-० अगर यही स्थिति रही तो परिणाम और गंभीर होंगे
कॉर्निया संग्रह (परिजनों की अनुमति पर) के लिए नेत्र बैंकों को सूचित नहीं कर पा रहे हैं। इस कारण नेत्र बैंकों में कॉर्निया ऊतक (टिश्यू) की भारी कमी है। अनेक मरीज कॉर्निया प्रतिस्थापन के लिए इंतजार में हैं। चिकित्सकों का कहना है कि अगर यही स्थिति रही तो आने वाले दिनों में परिणाम और गंभीर होंगे।

-० इसलिए आ रही नेत्रदान में परेशानी

  • मृतक का स्वॉब नहीं लिया जा सकता इसलिए कोरोना की जांच नहीं हो पा रही।
  • नेत्रदान के लिए फॉर्म भरने के बाद परिजन कोरोना के डर से आगे नहीं आ रहे।
  • एचएलए सहित कई प्रकार की जांच करना भी संभव नहीं।
  • स्टॉफ को भी कोरोना का डर इसलिए उनकी भी जांच जरुरी।
  • परिजन का कोरोना जांच भी जरुरी जिनके लिए परिजन तैयार नहीं।
  • सारा अमल कोरोना में लगा नेत्रदान के लिए जगरुकता ही नहीं लाई।

-० नेत्रदान पर रोक नहीं पर कोरोना प्रोटोकॉल का पालन भी जरुरी
सिम्स हॉस्पिटल की पीआरओ डॉ. आरती पांडे का कहना है कि हमारे यहां नेत्रदान पर रोक लगाने के लिए कोई लिखित आदेश तो मुझ तक नहीं पहंुचा है। लेकिन कोरोना प्रोटोकॉल का पालन जरुरी है। कोरोना के दौरान अस्पताल में रुटीन सर्जरी बंद थी। सिर्फ इमरजेंसी ऑपरेशन किए जा रहे थ्ो। कॉर्निया ट्रांसप्लांट को प्लांड सर्जरी माना जाता है। इसके अलावा पीपीई किट व अन्य संसाधन जरुरी है। कॉर्निया हम लेना भी चाहे तो हमे डिक्लेरेशन चाहिए कि वह व्यक्ति कोरोना संक्रमित नहीं है। कोरोना काल में दो दिन डोनेशन के लिए फोन भी आए पर नेत्र विभाग के एचओडी ने बताया कि कोरोना के कारण प्रोटोकॉल के तहत नेत्रदान नहीं करा रहे हैं। शायद उनके पास शासन का कोई आदेश आया हो।
-० नेत्रदान के लिए शासन से कोई रोक नहीं
मुख्य चिकित्सा एंव स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रमोद महाजन का कहना है। कि नेत्रदान रोकने के लिए शासन ने कोई रोक नहीं लगाया है। लेकिन कोरोना के कारण नेत्रदान प्रभावित जरुर हुआ है। मृतक पॉजिटीव न हो इसका विश्ोष ध्यान रखने के साथ नेत्रदान कराने वाले टीम की सुरक्षा भी जरुरी है। इसलिए जिले में नेत्रदान नहीं हो पा रहा है।
० सिम्स में 2०19 और 2०2० में हुए नेत्रदान
वर्ष 2०19 नेत्रदान वर्ष 2०2० नेत्रदान
जनवारी – 5 जनवारी – 13
फरवरी – 4 फरवरी – 2
मार्च। – 5 मार्च – 3
अप्रैल – 3 अप्रैल। – ००
मई – 3 मई – ००
जून। – 7 जून। – ००
जुलाई – 5 जुलाई – ००
अगस्त – 5 अगस्त। – ००
सितंबर – 4 सितंबर। – ००
अक्टूबर – 4 अक्टूबर – ००
नवंबर – 5
दिसंबर। – 7