00 शिकायत के बाद कार्रवाही करना छोड़ प्रबंधन को अभिभावको से फीस देने अपील करने कह रहें

बिलासपुर। जिला शिक्षा अधिकारी के दो कौड़ी के अवकाद को महर्षी स्कूल के एओ ने दिखा दिया एक दिन पहले शिक्षा अधिकारी अशोक भार्गव ने महर्षि स्कूल प्रबंधन के प्रशासनिक अधिकारी अभय सिंह को अपने कार्यालय में तलब किया था लेकिन एओ ने जिला शिक्षा अधिकारी के आदेश को न मनते हुए अपनी जगह स्कूल की प्राचार्या से जिला शिक्षा अधिकारी को फोन लगावा दिया। जिला शिक्षा अधिकारी भी स्कूल प्रबंधन के इस अवहेलना के जवाब में कुछ नहीं कर पाए उलटा जिला शिक्षा अधिकारी अशोक भार्गव ने स्कूलों को नोटिस देने के बजाय अभिभावको को अपील करने की बात कह दी। ऐसे में साफ जाहिर होता है। कि जिला शिक्षा अधिकारी अशोक भार्गव महर्षि स्कूल प्रबंधन के प्रशासनिक अधिकारी अभय सिंह के सामने घुटने टेक दिए है।
महर्षि स्कूल के प्रशासनिक अधिकारी अभय सिंह ने स्कूल के वाट्सएप ग्रुप में ऐसे छात्र-छात्राओं को नोटिस जारी कर डिफाल्टर घोषित करने की चेतावनी दी थी, जिन्होंने किसी कारणवश फीस जमा नहीं किया है। इससे छात्र-छात्राओं के अलावा अभिभावक भी परेशान हैं। एओ की मनमानी के खिलाफ अभिभावकों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंप कर इसकी शिकायत की थी। इस पर कलेक्टर ने डीईओ को तत्काल संज्ञान लेने निर्देश दिए थ्ो। लिहाजा जिला शिक्षा अधिकारी अशोक कुमार भार्गव ने सोमवार को एओ को तलब होने कहा था लेकिन अभय नहीं पहंुचे बल्कि अपनी जगह स्कूल के प्रचार्या से डीओ को फोन करा दिए। शिकायतों के उपरांत भी अधिकारियों द्बारा किसी प्रकार के ठोस कार्रवाई महर्षि स्कूल पर नहीं की जा रही है। जिसके बाद से विभाग के अधिकारी सवालों के घेरे में घिरते नजर आ रहे हैं। जिला शिक्षा अधिकारी अशोक भार्गव महर्षि स्कूल प्रबंधन को नोटिस देने के बजाय यह सलाह दे रहें है। कि आप बच्चों को सिध्ो ऑनलाइन क्लास से न निकाले बल्कि उनके अभिभावको से अपील करे की वो जल्द से जल्द स्कूल की बकाया फीस जमा करा दे।

० पैसे के लालच में बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़
दरसल कोरोना वैश्विक महामारी के कारण राज्यों में स्कूलों को बंद कर दिया गया वही ऑनलाइन के जरिए छात्रों के भविष्य को सुधारने की जद्दोजहद चल रही है। जिले में भी प्राइवेट स्कूलों द्बारा विद्यार्थियों को ऑनलाइन क्लास के माध्यम से शिक्षा देने का काम किया जा रहा है। लेकिन प्राइवेट स्कूलों द्बारा लोगों की परेशानियों को दरकिनार करते हुए पैसे के लालच में बच्चों को शिक्षा से वंचित करने तक का काम किया जा रहा है। ऑनलाइन कक्षा में फीस का तगादा करने के बाद अब स्कूलों द्बारा बच्चों को ऑनलाइन क्लास से वंचित करने का काम किया जा रहा है।