भाटापारा। कोविड नियमों के कड़े पहरे के बीच विजयदशमी का पर्व शांति के साथ संपन्न हो गया। उत्साह और भीड़ देर शाम बढ़ी इसके बावजूद डेढ़ बरस बाद फिर से रावण दहन की परंपरा का निर्वाह बेहद सादगी से किया गया।
पुलिस और प्रशासन की कड़ी नजर और चाक- चौबंद व्यवस्था की बानगी शायद ही फिर कभी देखी जाएगी। दोपहिया और चार पहिया को मुख्य मार्ग पर ही रोककर आवाजाही आसान बनाई गई वहीं रावणभाठा मैदान में चाट, गुमटी और मूंगफली सहित दूसरे छोटे कारोबारियों को प्रवेश नहीं देकर जैसी व्यवस्था बनाई गई उसे लेकर एक बेहतर वातावरण का संदेश देने में प्रशासन सफल रहा।
तय समय पर आए
रावण दहन के लिए श्री आदर्श रामलीला नाटक मंडली के पात्र श्री राम, लक्ष्मण, भरत ,शत्रुघ्न और भक्त हनुमान शहर भ्रमण के बाद तय समय पर रावणभाठा मैदान पहुंचे। इसी तरह लंकाधिपति महाराज रावण अपनी सेना के साथ आए। युद्ध के बाद रावण के पुतले का दहन किया गया। जोरदार आतिशबाजी और पटाखों की गूंज के बाद विजयादशमी का पर्व संपन्न हुआ।
आशीर्वाद और शुभकामना
रावण दहन के बाद सोनपत्ती देकर बुजुर्गों से आशीर्वाद लिया गया तो हम उम्र साथियों के बीच शुभकामनाओं का आदान-प्रदान किया गया। इसके लिए आसपास के ग्रामीण बड़ी संख्या में सोनपत्ती लेकर बेचने के लिए पहुंचे थे। प्रारंभ के 1 घंटे तक कारोबार गति नहीं ले पाया लेकिन देर शाम भीड़ बढ़ने के बाद लगभग सभी की सोनपत्तियां बिक गई। कोरोना काल में विजयादशमी के लिए अनुमति का मिलना राहत और संतोष का संदेश लेकर आया।