पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमत से टैक्सी ऑपरेटर सांसत में

भाटापारा। देवी-दर्शन के लिए इस बरस भक्तों को टैक्सी भाड़ा के रूप में अच्छी-खासी रकम देनी होगी क्योंकि पेट्रोल-डीजल की कीमत पहुंच से बाहर हो चुकी है। रोज आ रही नई कीमत के बाद टैक्सी ऑपरेटरों की उम्मीद टूटने लगी है क्योंकि पूछ-परख तक नहीं निकल रही है।

कोरोना संक्रमण के कम होते मामले भले ही कारोबार के लिए उम्मीद बन रहे हों लेकिन डेढ़ साल से थमे पहिए कब चलेंगे ? जैसा सवाल अब भी यक्ष-प्रश्न बना हुआ है। यह वह वर्ग है जिसे टैक्सी बिजनेस के नाम से जाना जाता है। पहले यह क्षेत्र कोरोना की चपेट में आया। अब सामान्य होते जीवन के बीच, तेल की रोज बढ़ती कीमत से यह क्षेत्र आहत हो चुका है। ऐसी प्रतिकूल परिस्थितियों में अच्छे दिन की केवल आशा ही की जा रही है।

मिलेंगे इस किराए पर

शारदीय नवरात्रि में महामाया दर्शन के लिए रतनपुर जाने पर 4500 रूपए लगेंगे। बमलेश्वरी दर्शन के लिए 1500 रूपये किराया देना होगा। डीजल या पेट्रोल की कीमत अलग से चुकानी होगी। दंतेश्वरी दर्शन के लिए 2000 किराया तय किया जा चुका है। इस यात्रा पर डीजल या पेट्रोल की कीमत भक्तों को ही देनी होगी। चंद्रहासिनी देवी के दर्शन के लिए 1500 रूपये किराया तो लगेगा, साथ ही ऑयल की रकम अलग से देनी पड़ेगी। नजदीक के देवी मंदिर श्री मावली माता सिंगारपुर और श्री महामाया देवी तरेंगा के लिए भी व्यवस्था ऐसी ही बनाई गई है।


संकट बरकरार

पर्यटन को लेकर बढ़ते रूझान के बाद शहर में भी टैक्सी स्टैंड आकार ले चुका है।जहां ए सी और नॉन ए सी चार पहिया वाहन किराए पर उपलब्ध हैं। कोरोना के कम होते मामले के बाद शादी- ब्याह में रौनक की उम्मीद टूट चुकी है। अंतिम आस नवरात्रि से ही है लेकिन इस उम्मीद में मजबूती इसलिए दिखाई नही दे रही है क्योंकि पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमत के बाद असर किराए पर भी पड़ने लगा है।