खाद्य एवं औषधि प्रशासन का फरमान

फल- सब्जी के थोक और फुटकर कारोबारियों पर भी प्रभावी

बिलासपुर। खाद्य एवं पेय पदार्थों के लिए बनाया गया सुरक्षा मानक, अब ग्वालों पर भी लागू होगा। फल-सब्जी बेचने वाली थोक और फुटकर दुकानें भी इस नियम के दायरे में होंगी। याने इन तीनों कारोबार क्षेत्र को ना सिर्फ रजिस्ट्रेशन नंबर लेना होगा बल्कि सुरक्षा के हर वह उपाय करने होंगे जो खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने तय किए हैं।

अब तक केवल खाद्य एवं पेय पदार्थों का निर्माण, भंडारण, परिवहन, विपणन और विक्रय पर निगरानी करते आ रहे खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने तीन ऐसे क्षेत्र को भी नियमों के घेरे में ले लिया है जो अब तक बाहर थे। इसमें लापरवाही और असुरक्षित माहौल में किए जा रहे फल-सब्जी के कारोबार तो होंगे ही, साथ ही ऐसे ग्वाले भी होंगे जो ग्रामीण क्षेत्र से दूध बेचने शहर आते हैं। नए नियम के लागू होने के बाद, इन तीनों को रजिस्ट्रेशन नंबर लेना होगा और सुरक्षा मानक का पालन भी करना होगा।


पहली बार ग्वाला भी

दूध उत्पादन के लिए ग्वालों के कारोबार को पहली कड़ी माना गया है। यदा-कदा जांच में यह पाया गया है कि उत्पादन स्थल पूरी तरह असुरक्षित वातावरण में है। भंडारण और विपणन का तरीका भी सही नहीं है। इससे दूध की गुणवत्ता खराब होने की पूरी आशंका है। बरती जा रही लापरवाही को देखते हुए खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने ग्वालों के लिए रजिस्ट्रेशन नंबर का लिया जाना अनिवार्य कर दिया है।


इसमें दोनों वर्ग शामिल

फल-सब्जी का थोक और फुटकर कारोबार भी बेहद असुरक्षित माहौल में होता आया है। परिवहन, भंडारण, विपणन के साथ विक्रय का पूरा क्षेत्र कदम- कदम पर हैरान करता है क्योंकि असुरक्षित माहौल और गंदगी हर जगह देखने में आ रही है। अब इन्हें जिम्मेदारी लेनी होगी, सुरक्षित तरीके से कारोबार करने की ताकि सही-स्वच्छ और गुणवत्तापरक फल और सब्जी उपभोक्ताओं तक पहुंच सके।


पंजीयन और प्रशिक्षण अनिवार्य

खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने ग्वाला और फल-सब्जी के थोक व फुटकर विक्रेताओं के लिए जो रजिस्ट्रेशन नंबर लेना अनिवार्य किया है, वह 100 रुपए में बनाया जा सकेगा। यह 1 साल के लिए मान्य होगा। आवेदन, च्वॉइस सेंटर या खाद्य सुरक्षा मित्र के जरिए किया जा सकेगा। बता दें कि इन पदार्थों की सुरक्षा कैसे की जाएगी? इसका प्रशिक्षण समय-समय पर प्रशासन की ओर से दिया जा सकेगा।

ग्वाला और फल- सब्जी के थोक व फुटकर कारोबारियों के लिए रजिस्ट्रेशन नंबर का लिया जाना अनिवार्य किया जा चुका है। खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को अपने-अपने जिले में जागरूकता अभियान के लिए निर्देशित किया जा रहा है।

  • डॉ. आर. के. शुक्ला, असिस्टेंट कमिश्नर, खाद्य एवं औषधि प्रशासन, रायपुर