भाटापारा। 330 से 350 रुपए प्रतिदिन। दूध की दुहाई की यह दर ज्यादा तो है लेकिन खामोशी से स्वीकार कर रहीं हैं डेयरियां क्योंकि सीजन के दिन हैं।

हर बरस दीपावली पर दूध दुहाई की नई दरें तय की जाती हैं लेकिन बीती दीपावली पर तय 330 से 350 रुपए प्रतिदिन की दर अब पसीने छुड़ा रहीं हैं क्योंकि पशु आहार के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। भीषण गर्मी से दूध का उत्पादन भी कमजोर है जबकि मांग मजबूत है। जिसे पूरा करने के लिए अतिरिक्त संसाधन की खरीदी करनी पड़ रही है।है विकल्प लेकिन सीमित उपयोग

है विकल्प लेकिन सीमित उपयोग

हाथ से चलाई जा सकने वाली मशीन तो है लेकिन अर्धस्वचालित और पूर्ण स्वचालित मशीनें भी दूध दुहने के लिए उपयोग में लाई जा रहीं हैं लेकिन उपयोग सीमित है क्योंकि इससे दुधारू मवेशी तनावजनित समस्या में आ सकते हैं। जो आगे चलकर कई तरह की स्वास्थ्यगत् समस्या को जन्म दे सकता है। यही वजह है कि दूध उत्पादक क्षेत्र नजरों के सामने यह प्रक्रिया पूरा करवा रहा है।स्वीकार है यह दर

स्वीकार है यह दर

दीपावली पर तय होतीं हैं प्रतिदिन दुहाई की दरें। इनकार, ग्वाले की अनुपस्थिति जैसी स्थिति ला सकता है। इसलिए 330 से 350 रुपए प्रतिदिन दूध दुहाई की दर डेयरियां स्वीकार कर रहीं हैं। यह इसलिए भी क्योंकि सीजन के दिन हैं। जो आने वाली दीपावली तक बना रहेगा। बाद के दिन शादी-विवाह जैसे आयोजन के होंगे।

दूध उत्पादन में जिले में अव्वल

9000 से 10000 लीटर दूध प्रतिदिन। इस आंकड़े के साथ अपना शहर, बलौदा बाजार जिले में दूध उत्पादन के क्षेत्र में अव्वल नंबर पर है। उत्पादन का लगभग 75 फ़ीसदी हिस्सा रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर और कोरबा जैसे बड़े शहरों को निर्यात होता है। मांग क्षेत्र में विस्तार की संभावनाएं देखते हुए डेयरियां अब पशुधन योजनाओं से जुड़ रहीं हैं ताकि मांग के अनुरूप दूध की उपलब्धता बनी रहे।