नए स्वरूप में हो रही तैयारी
भाटापारा। न्यायालय के फैसले का सम्मान करता हूं। खुश हैं शेख वाहीद, जो शहर की सबसे पुरानी एवं प्रतिष्ठित फ़ज़लू बैंड पार्टी का संचालन कर रहें हैं। डीजे पर सख्त बंदिश के निर्णय के बाद पार्टी का नए सिरे से संचालन करने की कोशिश उन्होंने चालू कर दी है।
पुराने हो चुके वाद्य यंत्रों की जगह नए वाद्य यंत्र लाने होंगे। जिन वाद्य यंत्रों से काम किया जा सकता है, उनके सुर और ताल की भी जांच की जा रही है। संगीत को लेकर रुझान भी नया रूप ले चुका है, इसलिए शेख वाहीद नए सिरे से तैयारी कर रहे हैं क्योंकि ऑर्डर के बहु्तेरे अवसर आने वाले हैं, साथ ही कुछ मुश्किलें भी हैं, जिनका हल प्राथमिकता के साथ करना है।

खोज अनुभवी वादक की
लगभग खत्म हो चुकी बैंड पार्टियों के सामने सबसे बड़ी मुश्किल, अनुभवी वादक की कमी है क्योंकि रोजगार की तलाश में ऐसे वादक काम छोड़ चुके हैं। श्रम साध्य काम है प्रशिक्षण देना, इसलिए नए-पुराने वादकों के जरिए बैंड पार्टी को फिर से खड़ा करने का विचार है। यह सम्मिश्रण कितना सफल होगा ? यह तो आने वाला समय ही बताएगा क्योंकि संगीत के क्षेत्र में न केवल नए वाद्य यंत्र आ चुके हैं, तो रुचियां भी बदल गई हैं।
अहम है श्रम दर
बढ़ती महंगाई के दौर में श्रम दर भी बढ़ी हुई हैं। इस पर भी ध्यान दे रहीं हैं बैंड पार्टियां। मासिक या दैनिक ? दोनों स्थितियों में काम के घंटे अहम होते हैं। इसलिए श्रम दर का निर्धारण तय कर पाने में दिक्कत आने वाली है। इसलिए ऐसे उपाय खोजे जा रहे हैं, जिसमें संचालक और वादक दोनों को राहत मिल सके और लाभ का सम्मानजनक प्रतिशत भी बना रहे।

खरीदने होंगे नए वाद्य यंत्र
ऐसे वाद्य यंत्र जिनका चलन बढ़ा हुआ है और श्रम कम लगता है। इनकी खरीदी आवश्यक होगी। पुराने और बिगड़ चुके वाद्य यंत्रों की जगह नए की जरूरत होगी। इसलिए साज-संभाल को अहम माना जा रहा है। साथ ही नए और जरूरी वाद्य यंत्रों की कीमत को लेकर प्रारंभिक पूछताछ, शुरू हो चली है। फौरी जानकारी के मुताबिक लगभग सभी वाद्य यंत्रों की कीमत में 25 से 35% की वृद्धि की खबर है।