बिलासपुर। जिले में एक ओर कोरोना ने कहर मचा रखा है। रोजाना सैकड़ो मरीज मिल रहे है तो वही दुसरी ओर कोरोना से मरने वालों के शव को मुक्तिधाम तक पहुचाने के लिए विभाग के पास शव वाहनों की कमी है। जिसके कारण अब परिजनों को शव मुक्तिधाम तक पहुचाने खुद ही हजारों खर्च करना पड़ रहा है। सिम्स मर्चुरी में एक ऐसा ही मामला हुआ जहाँ कोटा ब्लॉक के पोड़ी निवासी 87 वर्षीय श्यामलाल यादव पिता बनमाली यादव की मृत्यु कोरोना संक्रमण से हो गई। उनका शव सिम्स के मर्चुरी में रख दिया गया। शुक्रवार को परिजन सुबह से ही सिम्स पहुँच गए थे। लेकिन शव वाहन नही होने से मुक्तिधाम ले जाकर मृतक का अंतिम संस्कार नही किया जा पा रहा था ऐसे में दोपहर 3 बजे परिजनों को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा कि संक्रमित शव को ले जाने के लिए मात्र 2 शव वाहन हैं जिसमे एक खराब हो गई हैं और दूसरा अन्य शव को लेकर गया है। तब मृतक के दमांद संतोष यादव ने एक निजी शव वाहन से सम्पर्क किया। वाहन चालक ने सिम्स से तोरवा मुक्तिधाम तक शव पहुचाने का किराए 3000 बताए परिजनों ने मात्र 5 किलोमीटर शव ले जाने का किराया इतना ज्यादा होने पर कुछ कम करने की बात कही तो चालक ने 2500 रूपर लेने की बात कही जिसके बाद शाम 4:23 में परिजनों में स्वम के खर्च से कोरोना संक्रमित के शव को तोरवा मुक्तिधाम में लेजाकर उसका अंतिम संस्कार किया।


परिजनों ने खुद पीपीई किट पहन शव उठाया
एक तरफ शव को मुक्तिधाम तक लेजाने के लिए खुद 2500 रुपए खर्च करने पड़े तो वही सिम्स के मर्चुरी से वाहन में शव रखने के लिए कोई कर्मचारी भी नही था ऐसे में मृतक के दमांद और उसका नाती पीपीई किट स्वम पहन कर मर्चुरी के अंदर से शव को निकाल कर उसे निजी एम्बुलेंस में में रखा इस बीच परिजन के हाथों का ग्लब्स भी फट गया।


शव ले जाने मात्र 2 ही शव वाहन मिले गाड़ी बढ़ाने कलेक्टर को लिखा गया है पत्र
कोरोना शव प्रबंधन के नोडल अधिकारी टार्जन आदिले ने बताया कि संक्रमित शव को लेकर जाने के लिए मात्र 2 ही शव वाहन है जिसमे से एक खराब हो गई। दूसरा वाहन वयस्त है। इस लिए समय पर वाहन नही पहुच पाया । अब संक्रमण से मृतकों की संख्या बढ़ने लगी हैं ऐसे में जिला कलेक्टर को और गाड़ी बढ़ाने के लिए पत्र लिखा गया है।