बुजुर्ग और दिव्यांग यात्री हो रहे परेशान
भाटापारा। एस्केलेटर का हाल भी यात्री ट्रेनों के जैसा ही है। कभी चालू, तो कभी बंद। सूचना देना तक जरूरी नहीं समझता रेल प्रशासन। ऐसे में यात्रियों की परेशानी सहज ही समझी जा सकती है।
बरसों की मांग के बाद बने और संचालन में आए, रेलवे प्रशासन का एस्केलेटर परेशानी की वजह बन चुका है। नियमित संचालन में नहीं रहने से ऐसे यात्री हलकान हो रहे हैं, जिनके पास सामान ज्यादा होता है, या चलने- फिरने में कमजोर होते हैं। देख कर भी अनजान बना हुआ है रेल प्रशासन, तो जनप्रतिनिधियों ने भी आंख मूंद रखीं हैं।
ऐसा है हाल
यात्री सुविधा में विस्तार की योजना के तहत बना एस्केलेटर आज असुविधा की बड़ी वजह बन चुका है। नियमित संचालन में होना चाहिए लेकिन कभी भी बंद हो जाता है। हद तो यह कि स्थानीय रेल प्रशासन इसकी सूचना देना तक जरूरी नहीं समझता। कुछ ऐसा ही हाल उस लिफ्ट का भी है, जो प्लेटफार्म नंबर तीन व चार के मध्य बनाई गई है।
परेशान यह यात्री
बच्चे, बुजुर्ग और दिव्यांग यात्रियों को उस वक्त सबसे ज्यादा परेशान होना पड़ता है, जब एस्केलेटर बंद मिलता है। ऐसे में सीढ़ियों का सहारा लेना विवशता ही है। जिन यात्रियों के पास लगेज ज्यादा होता है, उन्हें भी यह परेशानी उठानी पड़ रही है। कब सुधारी जाएगी व्यवस्था ? जैसे सवालों के जवाब नहीं मिल रहे।
किससे करें शिकायत
टिकट काउंटर और प्लेटफार्म तक पहुंचाने की राह भी आसान नहीं है। सौंदर्यीकरण के काम की वजह से आवाजाही, एक ही ओर से हो रही है। समस्याओं की जानकारी संबंधित अधिकारियों तक पहुंचाई जा सके, इसके लिए शिकायत पुस्तिका देने को लेकर भी स्थानीय रेल प्रशासन का रवैया हताश करता है। ऐसी स्थितियों में परेशानी के बीच यात्रा कर रहे हैं यात्री।