ठेलों में खान-पान की सामग्री बेचने के पहले करवाना होगा रजिस्ट्रेशन

बिलासपुर। आइसक्रीम, कुल्फी और बर्फ का गोला बेचने वाले कृपया ध्यान दें। गन्ना जूस, शिकंजी और सोडा वाटर विक्रेताओं को भी लेना होगा खाद्य एवं औषधि प्रशासन से रजिस्ट्रेशन नंबर। इस औपचारिकता के बगैर चल रहा यह कारोबार गलत माना जाएगा।

मौसम के साथ खाद्य एवं औषधि प्रशासन का भी तेवर बदल रहा है। पहली बार ऐसी खाद्य एवं पेय पदार्थ के कारोबार की कड़ी जांच की योजना बन रही है, जिसे अब तक रियायत दी जाती रही है। निशाने पर यह इसलिए आ रहें हैं क्योंकि नियमों के उल्लंघन में यह क्षेत्र भी आगे बढ़ रहा है। लिहाजा पहली जांच रजिस्ट्रेशन नंबर की होगी क्योंकि यह अनिवार्यता इन पर भी समान रूप से प्रभावी है।

रजिस्ट्रेशन नहीं, तो कारोबार भी नहीं

भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण के नियमों के अनुसार आइसक्रीम, कुल्फी, जूस, शिकंजी, सोडा वाटर के साथ बर्फ बेचने वाले रिटेल काउंटरों को खाद्य एवं औषधि प्रशासन से रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसके बगैर कारोबार की अनुमति नहीं है। सीजन आ चुका है। आवा-जाही भी देखने में आ रही है।

नजर इन पर भी

गुपचुप, चाट, मुरमुरा, भेल और मोमोज के ठेले भी नजर में होंगे। इसके अलावा अंडा, आमलेट और ऐसी खाद्य सामग्रियां भी निशाने पर हैं, जो ठेले में बेची जाती हैं। रजिस्ट्रेशन नंबर की अनिवार्यता इन पर भी समान रूप से प्रभावी है। इसलिए खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने इन्हें भी कड़ी जांच की सूची में शामिल कर लिया है।

तो अर्थदंड

जांच के लिए पहुंची टीम को संबंधित कारोबारी के पास रजिस्ट्रेशन नंबर नहीं मिले, तो पहली बार समझाइश दी जाएगी। दोबारा जांच में भी स्थितियों में परिवर्तन दिखाई नहीं दिया, तो नियम के अनुसार प्रकरण बनाया जाएगा और सक्षम न्यायालय में पेश किया जाएगा। जांच प्रमाणित होने पर नियमानुसार अधिकतम 25000 रुपए के अर्थदंड का प्रावधान है।

नियमों का पालन करें

ठेले-खोमचे और दुपहिया वाहन में खाद्य एवं पेय पदार्थ बेचने वाले कारोबारियों को नियमानुसार रजिस्ट्रेशन नंबर लेना अनिवार्य है। खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को जांच के निर्देश दे दिए गए हैं।

डॉ आर के शुक्ला, डिप्टी कमिश्नर, खाद्य एवं औषधि प्रशासन, रायपुर