साढे़ तीन से चार सौ फीट तक गहरे खनन की सलाह

मौसम की अनिश्चितता ने बढ़ाया रुझान



भाटापारा। पूछताछ से संकेत मिल रहे हैं कि इस बार बोर खनन की संख्या बढ़ सकती है। एजेंसियां पहली बार किसानों को यह सलाह देती नजर आ रहीं हैं कि बोर की गहराई 350 से 400 फीट रखें ताकि प्रतिकूल स्थितियों में फसल को नुकसान से बचाया जा सके।

खरीफ के बाद रबी की फसल ले रहे किसानों की नजर पानी की पतली होती धार पर है। इसी के साथ नए बोर खनन की भी योजना बनती नजर आ रही है। नए किसानों की भी पूछ-परख, बोर खनन करने वाली एजेंसियों तक पहुंचने लगी है। शायद पहला साल होगा, जब जनवरी में ही ऐसा रुझान देखने में आ रहा है।

इसलिए बढ़ रहा रुझान

अच्छी फसल होने से पूंजी की समस्या नहीं। अनिश्चित मौसम में साथ मिलने का भरोसा। यह दो प्रमुख कारण हैं, जिनकी वजह से इस बरस बोर खनन की संख्या बढ़ने के प्रबल आसार हैं। तीसरी वजह रबी फसल लेने से मिलने वाली, लाभ बन रही है। इस सत्र में अल्प सिंचाई में तैयार होने वाली फसल को लेकर नई योजनाएं भी रुझान की बड़ी वजह मानी जा रहीं हैं।

संकेत यहां से भी

पूछताछ में ऐसे किसानों की संख्या भी बढ़त लेती देखी जा रही है, जिनके बोर की गहराई कम है और समय रहते इसे ज्यादा नीचे ले जाना चाहते हैं। एजेंसियों का रुझान इस काम में थोड़ा कम ही है। यह इसलिए क्योंकि समय और अर्थ का नुकसान, किसान और एजेंसियां दोनों को उठाना पड़ता है। इसलिए फिलहाल इस काम से दूरी बनाए जाने के संकेत हैं।

350 से 400 फीट

बोर खनन के लिए आ रहे किसानों को सलाह दी जा रही है कि बोर की न्यूनतम गहराई 350 फीट और अधिकतम गहराई 400 फीट रखें। इससे प्रतिकूल मौसम के दिनों में तैयार होती फसलों की सिंचाई सुविधा निश्चित की जा सकेगी। इसके अलावा बोर रिचार्ज के प्राकृतिक उपाय की जानकारी भी किसानों को दी जा रही है।

इस दर पर खनन

बोर खनन की जो नई दर बताई जा रही है, उसके मुताबिक इस बरस 85 रुपए प्रति फीट की दर से खनन किया जाएगा। घरों में खनन के लिए दरें अलग से होंगी। बताते चलें कि इस समय घरेलू जरूरतों के लिए भी पूछताछ चालू हो चुकी है।



बोर खनन के लिए किसानों की पूछताछ ना केवल शुरू हो चुकी है बल्कि बुकिंग भी होने लगे हैं। प्रति फीट खनन की दरों में आंशिक वृद्धि हुई है।
– प्रदीप अग्रवाल, ऋषभ बोरवेल्स, भाटापारा