जाम को रोकने आवक पर नियंत्रण

भाटापारा। छांव और पानी नहीं। कृषि उपज की सुरक्षा के इंतजामात भी नहीं। कैसे भेजें किसानों को कोड़ापार-सेमरिया ? जायज है यह सवाल कृषक- अभिकर्ता कल्याण संघ का, जिसके जवाब नहीं मिल रहे हैं।

तीन दिन आवक पर रोक। बिगड़ी व्यवस्था को सुधारने की यह कोशिश काम नहीं आई। अब नया प्रयोग कोड़ापार-सेमरिया में निर्माणाधीन नई मंडी के समीप से आएंगी कृषि उपज में से भरी गाड़ियां मंडी प्रांगण में। छांव, पानी और सुरक्षा के अलावा अन्य व्यावहारिक दिक्कतें थीं। इसलिए कृषक-अभिकर्ता कल्याण संघ ने अस्वीकार कर दिया है।इसलिए अस्वीकार

इसलिए अस्वीकार

सड़क और प्रांगण में बन रहे जाम को देखते हुए मंडी प्रशासन ने ग्राम कोड़ापार-सेमरिया में उपज से भरी गाड़ियों का अस्थाई ठहराव तय किया लेकिन छांव, पानी और कृषि उपज की सुरक्षा की व्यवस्था नहीं की। बेवजह अर्थ व समय के व्यय का, यह इसलिए माना गया क्योंकि आने और जाने के अलावा हाल्टिंग चार्ज जैसी दिक्कत तय है। इसलिए कृषक-अभिकर्ता कल्याण संघ ने विनम्रता के साथ यह प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया है।

करेंगे नियंत्रित आवक

व्यवस्था बहाली के लिए मंडी प्रशासन कोशिश तो कर रहा है लेकिन गंभीरता नजर नहीं आती देख अब कृषक-अभिकर्ता कल्याण संघ ने अपने स्तर पर व्यवस्था बनाने की कवायद चालू करने के संकेत दे दिए हैं। इसके तहत आवक को नियंत्रित करना जैसी कोशिश मुख्य है ताकि सड़क और प्रांगण में जाम की स्थिति नहीं बने और समय पर कामकाज पूरा किया जा सके।

खामियां दूर करेंगे

सड़क और प्रांगण में जैसे हालात बने हुए हैं उस पर पूरा ध्यान है। मंडी सचिव सी एल ध्रुव का कहना है कि भाटापारा कृषि उपज मंडी प्रांगण  में जो परेशानी आ रही है, उसे दूर करने की कोशिश हमने चालू कर दी है।  अभिकर्ताओं से आग्रह किया गया है कि आवक को नियंत्रित  करने में सहयोग दें ताकि जाम जैसी स्थिति नहीं बने।

गर्मी के दिन है। नई व्यवस्था से किसानों पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा क्योकि किराए के वाहन के लिए अतिरिक्त शुल्क देना होगा। रही बात आवक को नियंत्रित करने की तो हम मंडी प्रशासन को पूरा सहयोग देंगें।

– राजेश तिवारी, अध्यक्ष, कृषक- अभिकर्ता कल्याण संघ, भाटापारा