उपार्जन केंद्रों को जिला विधिक माप विज्ञान विभाग का निर्देश



बलौदाबाजार। वजन में छोटी सी भी गलती संबंधित उपार्जन केंद्र को भारी पड़ सकती है क्योंकि इस बार जिला विधिक माप विज्ञान विभाग बेहद सतर्क है। शिकायत मिलते ही जांच की योजना तैयार है।

बदला-बदला सा नजर आ रहा उपार्जन केंद्र का नजारा। पूरी तैयारी के साथ शुरू हुई समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी का पहला दिन खामोशी के बीच गुजरा।  पारंपरिक कांटा -बाट की जगह इलेक्ट्रॉनिक वेईंग मशीन के उपयोग के फैसले के बाद जिला विधिक माप विज्ञान विभाग को तौल उपकरणों पर नजर रखने के सख्त निर्देश मिले हैं, लिहाजा विभाग सतर्क है।

समतल जगह पर रखें

जिला विधिक माप विज्ञान विभाग ने उपार्जन केंद्रों को स्पष्ट कहा है कि इलेक्ट्रॉनिक वेईंग मशीन को समतल जगह पर रखें। चारों पाए समान रूप से स्थिर रहें। ऐसा नहीं होने की स्थिति में वजन में अंतर आ सकता है। औचक जांच में पहला ध्यान इस पर ही होगा। रियायत या सफाई का मौका नहीं मिलेगा।

यह स्वीकार्य नहीं

वजन या माप के दौरान ‘पासंग’ स्वीकार्य नहीं होगा। बताते चलें कि ‘पासंग’ के रूप में खाली बारदाना का उपयोग किया जाता रहा है। इसके अलावा पत्थर या ईंट के टुकड़े का भी प्रयोग होता आया है लेकिन विभाग ने कड़े शब्दों में कहा है कि ‘पासंग’ किसी भी रूप में स्वीकार नहीं किया जाएगा।

औचक जांच कभी भी

जिले के सभी उपार्जन केंद्रों की औचक जांच की तैयारी विभाग ने पूरी कर ली है। इसके पहले किसानों से भी तौल के दौरान ध्यान रखने का आग्रह विभाग ने किया है। इसके अलावा बीते वर्ष के ऐसे उपार्जन केंद्रों की निगरानी बढ़ाई जाने  की योजना है, जहां से ऐसी शिकायतें मिलती रहीं हैं।

समतल जगह पर रखें उपकरण

इलेक्ट्रॉनिक वेइंग मशीन को समतल जगह पर रख कर ही तौल करें और सभी केंद्रों में 10 किलोग्राम या 20 किलोग्राम का सत्यापित बांट रखना आवश्यक है ताकि किसान तौल मशीन की जांच कर सकें।
– दामोदर प्रसाद, निरीक्षक, जिला विधिक माप विज्ञान (नाप तौल विभाग) , बलौदा बाजार